जैसलमेर. नारी सदैव
शक्ति की उपासक रही हैं। हमारे भारतीय समाज में नारी को आदर ओर सम्मान दिया जाता हैं। इतिहास की यदि बात करें तो विषम परिस्थितियों में क्षत्राणियों ने जो उत्सर्ग किये हैं, वे आज संसार के लिए आदर्श है। जब भी क्षत्रिय अपने पथ से विचलित हुआ है, तब तब क्षत्राणियों ने उन्हें अपने धर्म और कर्तव्य का भान करवाया। ये उद्गार दादाबाड़ी में प्रारम्भ क्षत्रिय युवक संघ के बालिका प्रशिक्षण शिविर में संचालिका जाग्रति कंवर बाइसा ने बालिकाओं के समक्ष रखे। उन्होंने बालिकाओं के अपने परिवार में अपने माता-पिता और पारिवारिक जीवन और बाहरी जीवन में क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, उनके अपने परिवार और समाज के प्रति क्या क्या कर्तव्य हैं, इसके संबंध में चर्चा की।