राजस्व कार्य को लेकर संवेदनशील रहकर लोगों को दें राहत
जैसलमेरPublished: Oct 16, 2020 04:55:42 pm
-राजस्व दिवस पर कार्यशाला का आयोजन
राजस्व कार्य को लेकर संवेदनशील रहकर लोगों को दें राहत
जैसलमेर. जिला कलक्टर आशीष मोदी कहा कि राज्य सरकार की ओर से पहली बार 15 अक्टूबर को राजस्व दिवस मनाने की शुरूआत की गई हैं। उन्होंने राजस्व दिवस पर सभी को बधाई देते हुए पटवारियों को डेली डायरी का गंभीरता से संधारण करें एवं उनके क्षेत्र में घटित होंने वाली घटना का अंकन करें। इसके साथ ही घटना के सम्बन्ध में सबसे पहले उच्च अधिकारियों को अवगत करावें। उन्होंने कहा कि जैसलमेर जिले की सभी तहसीलों का राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन हो गया है, इसलिए पटवारी ग्रामीणों को ऑनलाइन रिकॉर्ड के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करें ताकि वे इसका उपयोग आसानी से कर सकें।
क्षेत्र के घटना की सर्वप्रथम सूचना पटवारी दे
जिला कलक्टर मोदी गुरुवार को राजस्व दिवस पर कलक्ट्रेट परिसर स्थित डीआरडीए सभागार में आयोजित राजस्व दिवस कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यशाला में अतिरिक्त जिला कलक्टर ओण्पीण् विश्नोई के साथ ही राजस्व अधिकारी, भू अभिलेख निरीक्षक, पटवारी उपस्थित थे। जिला कलक्टर ने कहा कि उनके क्षेत्र में जो भी प्रमुख घटना घटित हो उसकी सूचना पटवारी देंगे। इस बात का वे पूरा ध्यान रखें। उन्होंने पटवारियों को निर्देश दिए कि वे राजस्व कार्य के प्रति संवेदनशील रह कर आमजन को राहत पहुंचावे। उन्होंने सीमाज्ञान, नामांतकरण, बंटवारा आदि कार्यों को भी प्राथमिकता से निष्पादित करने को कहा।
कोविड प्रबन्धन में पूरा सहयोग करे पटवारी
उन्होंने कोरोना महामारी के काल में पटवारियों को अपने क्षेत्र में विशेष सतर्कता बरतनें पर जोर दिया एवं कहा कि वे मुख्यालय पर रह कर गांव में जो भी सामाजिक एवं धार्मिक कार्यक्रम हों, उसमें कोविड.19 गाइडलाईन की पालना सुनिश्चित कराएं। अतिरिक्त जिला कलक्टर ओण्पीण् विश्नोई ने भी कार्यशाला में सम्भागियों को संबोधित किया।
इन्होंने रखे विचार
कार्यशाला के अवसर पर जिला राजस्व लेखाकार भवानीशंकर ने राजस्व वसूली की प्रक्रिया, भू अभिलेख निरीक्षक रूद्रदत्त पालीवाल ने राजस्व कार्यो के मॉर्डनाईजेशन व डिजिटल मॉर्डन रिकॉर्ड संधारण प्रक्रिया के बारें में जानकारी दी। इसके साथ ही राजस्व कार्मिक अनवर हकीम ने नामांकरण प्रक्रिया, भूराराम ने राजस्व रिकॉर्ड संधारण प्रक्रिया, बीरबलराम ने सीमाज्ञान एवं पेमाईश प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। भू-अभिलेख निरीक्षक चंद्रवीरसिंह ने भी विचार रखे।