इसको लेकर कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई हैं। नजदीकी ढाणियां आशायच, सुखसिंह की ढाणी, राजसिंह की ढाणी, सदात, ऊनड़ों की ढाणी, रामूराम भील की ढाणी सहित अन्य ग्रामीणों को इसी रास्ते से गुजरना पड़ता है। ऐसे में टूटी सउक़ से लोगों को आकल फांटे से आशायच की दूरी तय करने में करीब एक घंटा लग जाता है। ग्रामीणों ने क्षतिग्रस्त सडक़ को शीघ्र दुरस्त करवाने की मांग की है। वाहन चालक महेंद्र सिंह भाटी व खेतसिंह सिसौदिया का कहना है कि सडक़ पर बिखरी कंकरीट पर से अटी रेत के कारण यहां चलना भी दुभर हो गया। है।