धूमधाम से मनाया जाएगा गणतंत्र दिवस,शान से लहराएगा तिरंगा
जैसलमेरPublished: Jan 25, 2020 07:10:08 pm
भारत-पाकिस्तान की सीमा पर बसे जैसलमेर जिले में रविवार को गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा। गत कुछ सालों की भांति इस बार भी तिरंगा केवल सरकारी भवनों या समारोहों में ही नहीं बल्कि घरों, दुकानों व गैरसरकारी संस्थाओं पर भी शान से लहराएगा। आमजन को अधिकार मिलने के बाद से लोगों में गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने और लगाने के प्रति जज्बा खास तौर पर बढ़ा हुआ नजर आने लगा है।
धूमधाम से मनाया जाएगा गणतंत्र दिवस,शान से लहराएगा तिरंगा
जैसलमेर. भारत-पाकिस्तान की सीमा पर बसे जैसलमेर जिले में रविवार को गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा। गत कुछ सालों की भांति इस बार भी तिरंगा केवल सरकारी भवनों या समारोहों में ही नहीं बल्कि घरों, दुकानों व गैरसरकारी संस्थाओं पर भी शान से लहराएगा। आमजन को अधिकार मिलने के बाद से लोगों में गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने और लगाने के प्रति जज्बा खास तौर पर बढ़ा हुआ नजर आने लगा है। जैसलमेर में तिरंगा मिलने के एकमात्र स्थान ‘गांधी दर्शन’ में राष्ट्रीय पर्व के मौके पर विभिन्न साइज के तिरंगा ध्वज बेचे जाते हैं।
खादी के कपड़े का ही बनता है तिरंगा
गौरतलब है कि पूरे देश में फहराए जाने वाले राष्ट्रीय ध्वज को महाराष्ट्र के नांदेड़ शहर में तैयार किया जाता है और यह केवल खादी के कपड़े का ही बनाया जा सकता है। जैसलमेर में एकमात्र गांधी दर्शन में ही अधिकृत तौर पर तिरंगा ध्वज बेचा जाता है। यहां पर वर्तमान में 6 गुणा 4, 3 गुणा 4.5 और 3 गुणा 2 फीट के आकार में फहराए जाने वाले और 18 गुणा 21 इंच का लगाए जाने वाले झंडे अच्छी संख्या में बेचे गए। मंगवाए गए अधिकांश ध्वज पूर्व दिवस तक समाप्त हो गए थे। गांधी दर्शन को भी झंडे मंगवाने के लिए पहले मांग भेजनी पड़ती है।
ऐसे बदली तस्वीर
पूर्व में राष्ट्रीय पर्वों पर तिरंगा केवल सरकारी कार्यालयों व भवनों आदि पर फहराया जाता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से प्रत्येक नागरिक को इसे फहराने का अधिकार मिलने के बाद अब स्थितियों में बदलाव आया है। वर्तमान में सीमावर्ती जिले की ग्राम पंचायतों से लेकर निजी शिक्षण संस्थाओं, दुकानों, मकानों, प्रतिष्ठानों, एनजीओ के दफ्तरों, निजी बैंक शाखाओं आदि पर भी तिरंगा शान से लहराता नजर आ जाता है। इसके अलावा सोशल मीडिया से भी राष्ट्रीय पर्वों को लेकर सीमांत जिले में पहले से कहीं अधिक माहौल तैयार होता है।
यह है झंडा संहिता
– तिरंगा फहराते समय केसरिया पट्टिका ऊपर होनी चाहिए।
– ध्वज को सुबह फहराने के बाद उसी दिन सूर्यास्त से पहले ससम्मान उतारना होता है।
– राष्ट्रीय ध्वज का साफ-सुथरा होना जरूरी है।
– कटा-फटा ध्वज कभी नहीं फहराना चाहिए। ऐसे ध्वज को सम्मानित ढंग से निस्तारित करना आवश्यक है।
– ध्वज सायं 5 बजे के बाद नहीं फहराया जा सकता।
– राष्ट्रीय ध्वज जमीन से नहीं टकराना चाहिए।