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बढ़ते आंकड़ों के बीच असमंजस में सरहदी जिले के बाशिंदे

locationजैसलमेरPublished: Apr 18, 2021 12:04:47 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

रोग नहीं रुक रहा, छिपा रहे स्थान-जिम्मेदारों के दावों के बीच कोने.कोने में बढ़ रहा कोरोना

बढ़ते आंकड़ों के बीच असमंजस में सरहदी जिले के बाशिंदे

बढ़ते आंकड़ों के बीच असमंजस में सरहदी जिले के बाशिंदे

जैसलमेर. सीमांत जैसलमेर जिला कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में आ रहा है। बीते दो दिनों में 90 जनों के संक्रमित पाए जाने के बाद लोगों में एक किस्म की दहशत तो फैल गई है, वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महकमे की ओर से संक्रमण के ठिकानों की जानकारी सार्वजनिक नहीं किए जाने से लोग आसन्न खतरे से अनजान बने हुए हैं। जिले में चिकित्सा विभाग की ओर से प्रतिदिन सायंकाल में केवल कुल पॉजिटिव का आंकड़ा और तीनों ब्लॉक जैसलमेरए सम व सांकड़ा के मरीजों की सीमित जानकारी ही लोगों तक पहुंचाई जा रही है। इससे यह पता नहीं चल पाता कि संक्रमण शहरों के किन मोहल्लों व कॉलोनियों तथा कौनसे गांवों तक पांव पसार चुका है।
पहले मिलती थी सही जानकारी
गौरतलब है कि पिछले साल कोरोना की पहली लहर के दौरान संक्रमित आने वाले लोगों के ठिकानों के बारे में जानकारी दी जाती थी। बाद में पता नहीं किन कारणों से इस संबंध में जानकारी छिपाई जाने लगी। यह ट्रेंड अब तक बरकरार है। ऐसे में लोग कई बार यह मान कर चलते हैं कि कोरोना केवल शहरी क्षेत्र में है और गांवों तक उसकी पहुंच नहीं है। इसी तरह से पड़ोस तक में पॉजिटिव केसेज आने के बावजूद वे खुद का बचाव करने के लिए ज्यादा सजग नहीं हो पाते। इस संबंध में कई बार जिला प्रशासन व चिकित्सा महकमे से गुहार लगाए जाने के बावजूद निजता का हवाला देते हुए बीमारी के इस पहलू को नजरअंदाज किया जाता रहा है कि जो लोग अभी तक इस संक्रमण की जद में नहीं आएं हैंए उन्हें सावधान रहने के लिए अपने आसपास के हालात की जानकारी होना आवश्यक है। गौरतलब है पूर्व में पॉजिटिव आने पर संबंधित व्यक्ति के घर और गली में बैरिकेट्स लगाए जाते थेए जिससे भी आसपास के लोग सतर्क हो जाते थे। अब ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है।
नहीं बढ़ रहा जांच का दायरा
संक्रमण के बारे में जानकारी नहीं मिलने की वजह से सभी संपर्कितों की जांच नहीं हो पा रही है। जबकि सरकार ने एक जने के संक्रमित आने पर उससे जुड़े तीस लोगों तक की जांच करवाने का आदेश जारी किया है। अभी हालत यह है कि लोग अंधेरे में रहते हैं और कई बार उनके संपर्क वाले के संक्रमित होने के बावजूद वे जांच करवाने नहीं पहुंच रहे हैं।

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