जैसलमेर. चांधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं की ओर से जाग्रत हिन्दू महासंगम को लेकर चांधन उपखंड के सैकड़ों स्वयंसेवकों की ओर से कस्बे में विराट पथ संचलन किया गया। दोपहर करीब डेढ़ बजे स्थानीय मरुस्थली छात्रावास प्रांगण से चतुर्थ पंक्ति में पथ संचलन निकला, जो कि नगर के मुख्य मार्गों व गलियों में से होते हुए राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में सार्वजनिक कार्य स्थल पर पहुंचा। यहां नगरवासियों ने स्वागत किया और पूरे जोश के साथ जयकारे किए। ग्रामीणों ने बड़े उत्साह के साथ स्वागत और सत्कार किया। यहां से सभी कार्यक्रम स्थल तक पहुंचे। कार्यक्रम के मंचासीन अतिथि के रूप में विभाग प्रचारक श्यामसिंह, जिला प्रचारक इंद्रसिंह, विभाग सेवा प्रमुख चिरंजीलाल सोनी एवं जिला कार्यवाह भगवत दान रतनू रहे। जिला प्रचारक इंद्रसिंह ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र जैसलमेर में विधर्मी ताकतें हावी हो रही है। जिस प्रकार से हिंदू समाज ने चेतन अवस्था में जागृत होकर खड़ा हो चुका है, इससे राष्ट्र को तोडऩे वाली ताकतों के मंसूबे कामयाब नहीं होंगे।तथा वह धराशाही होगी। आज संपूर्ण जैसलमेर में हिंदू समाज जिस प्रकार के चैतन्य और जागृत अवस्था में पूरी सिद्धता के साथ खड़ा हो गया है। लगातार देश मे हो रही अराष्ट्रीय गतिविधियों के कारण राष्ट्र को खतरा है।
IMAGE CREDIT: patrikaरानी पद्मिनी हिंदुओं के स्वाभिमान की प्रतीक: श्यामसिंह मुख्य वक्ता विभाग प्रचारक श्यामसिंह ने कहा कि कि रानी पद्मावती हिंदुओं के स्वाभिमान का प्रतीक है। जिस रानी पद्मावती को समस्त हिंदू समाज मां के रूप में पूजते हैं, उसके ऊपर अभिव्यक्ति की आजादी को आधार बनाकर फिल्म बनाना एवं मां पद्मावती का गलत चित्रण पेश करना हिंदू समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। सामाजिक समरसता हिंदुस्तान के तथा हिंदुस्तान में रहने वाले नागरिकों के लिए अत्यंत आवश्यक है। सीमावर्ती क्षेत्र के जागरूक राष्ट्रभक्त होने के नाते इस देश पर आने वाले प्रत्येक संकट को जिस प्रकार से सैनिक सामना करता है, उसी प्रकार से हमे भी इस भारत माता का सैनिक बनकर सामना करना होगा। हिन्दू समाज को किसी के भरोसे रहने की आवश्यकता नहीं है। संघ के कार्यकर्ता आज जिस प्रकार से गांव गांव ढाणी-ढाणी में जिस प्रकार से तैयार हो रहे है यह है जन आंदोलन है। हिन्दू समाज को किसी सत्ता और शासन के भरोसे रहने की आवश्यकता नही है, बल्कि पूरी ताकत और सिद्धता के साथ खड़ा होने की जरूरत है।
IMAGE CREDIT: patrika‘श्री’ की रचना रही आकर्षण का केंद्र कार्यकर्ताओं के प्रयासों से बैठने की व्यवस्था की रचना इस प्रकार से बनाई जिसमे ‘श्री’ के आकार में की गई, जो कि आकर्षण का मुख्य केंद्र रही। जब पथ संचलन में संघ के कार्यकर्ता कंधे से कंधा मिलाकर तथा कदम से कदम मिलाकर चांदन के मुख्य मार्गो से निकल रहे थे तब वहां पर उपस्थित जनसमूह तथा ग्रामीणों जिसमें माताओं बहनो ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। जिससे मुख्य मार्ग फूलों से भर गया। जहां जहां से पथ संचलन निकला वहां पर नागरिकों ने एकत्रित होकर पूरे उत्साह के साथ जय घोष लगाए। रंगोलियां रही आकर्षण का केंद्र कार्यक्रम के स्वागत के लिए शहर में जगह-जगह रंगोलियां बनाई गई। पथ संचलन जिन मार्गों से निकला वहां पर एकत्रित ग्रामीण सभा स्थल पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पहुंचे।