scriptSentenced to accused in 9 year old check dishonor case | 9 साल पुराने चैक अनादरण मामले में आरोपी को सुनाई सजा | Patrika News

9 साल पुराने चैक अनादरण मामले में आरोपी को सुनाई सजा

locationजैसलमेरPublished: Sep 22, 2022 10:19:47 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

9 साल पुराने चैक अनादरण मामले में आरोपी को सुनाई सजा

9 साल पुराने चैक अनादरण मामले में आरोपी को सुनाई सजा
9 साल पुराने चैक अनादरण मामले में आरोपी को सुनाई सजा
पोकरण. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय की ओर से 9 वर्ष पुराने एक चैक अनादरण मामले में आरोपी को एक वर्ष की सजा सुनाई गई है। परिवादी लवां निवासी भंवरलाल पुत्र बंशीलाल माहेश्वरी ने 2013 में परिवाद पेश किया था कि बीकानेर निवासी इन्द्रकुमार उपाध्याय उर्फ इन्द्रचंद शर्मा पुत्र नरसिंहदेव उपाध्याय ने बीठनोक कोलायत में अपनी 98 बीघा जमीन 30 हजार रुपए प्रतिबीघा बेचने का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव स्वीकार कर उसने डेढ़ लाख रुपए साई पेटे दे दिए तथा 100 रुपए के स्टाम्प पर इकरारनामा लिखवा लिया। 2 माह में शेष रकम परिवादी से प्राप्त कर रजिस्ट्री का लिखकर दिया तथा रजिस्ट्री में आनाकानी करने पर दो गुणा राशि अदा करने का आरोपी ने लिखकर दिया। समयावधि पूर्ण होने पर परिवादी ने रजिस्ट्री करवाने का कहा तो आरोपी ने मजबूरी बताकर 3 बार इकरारनामा की अवधि बढ़ाई, लेकिन रजिस्ट्री नहीं करवाई गई। इकरारनामे के अनुसार आरोपी को 3 लाख रुपए अदा करने थे। जिस पर आरोपी ने 17 फरवरी 2013 की दिनांक का 2 लाख रुपए का चैक दे दिया। परिवादी की ओर से अपने खाते में चैक लगाने पर आरोपी के खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं थी और 27 फरवरी को चैक वापिस लौटा दिया। परिवादी की ओर से फोन पर संपर्क करने पर संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। जिस पर 6 मार्च को अधिवक्ता से एक नोटिस भिजवाया गया, लेकिन उसका भी जवाब नहीं दिया गया। आरोपी ने बैंक खाते में राशि नहीं होने के बावजूद परिवादी को 2 लाख रुपए का चैक दिया तथा भुगतान प्राप्त नहीं होने पर आरोपी ने रुपए लौटाने से इनकार कर दिया। न्यायालय की ओर से धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम 1881 के अंतर्गत दंडनीय अपराध का प्रसंज्ञान लिया गया।
सुनाई 1 साल की सजा
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ.अजयकुमार विश्रोई ने इस मामले में गुरुवार को आरोपी बीकानेर जिले के सिंथल हाल भीनासर रोड जैन मंदिर वाली गली निवासी इन्द्रकुमार उपाध्याय उर्फ इन्द्रचंद शर्मा पुत्र नरसिंहदेव उपाध्याय को परक्राम्य लिखत अधिनियम 1881 की धारा 138 के आरोप में दोषसिद्ध किया जाकर उसे 1 एक वर्ष के साधारण कारावास दंडित किया। साथ ही धारा 357 (3) दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के अनुसार 3 लाख रुपए बतौर प्रतिकर भी परिवादी को अदा किया जाएगा। अदम अदायगी प्रतिकर आरोपी 3 माह का साधारण कारावास अतिरिक्त भुगतेगा। प्रतिकर की राशि आरोपी से जुर्माने के रूप में वसूल की जाएगी।
Copyright © 2023 Patrika Group. All Rights Reserved.