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बारिश में खलनायक बनने को तैयार जर्जर मकान

locationजैसलमेरPublished: Jun 19, 2019 11:18:18 am

Submitted by:

Deepak Vyas

– पूर्व में हुए हादसों से सबक नहीं, पुराने मकान बने मुसीबत -पड़ोसियों के माथे पर उभरी चिंता की सलवटें तो राहगीर भी परेशान

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जैसलमेर. अगले महीने मानसूनी बरसात की उम्मीदों के बीच एक बार फिर स्वर्णनगरी में पुराने जर्जर मकानों की समस्या उभर कर सामने आई है। विगत वर्षों से यह समस्या लगभग जस की तस बनी हुई है। इस अवधि में कुछेक मकानों को छोड़ दें तो आज भी पुराने शहर में एक और दो-तीन मंजिला मकान गिरने की कगार पर नजर आते हैं। ये मकान ऐसे हैं, जिनके एक से अधिक मालिकान हैं और वे जैसलमेर में वर्तमान में रह नहीं रहे हैं। हर वर्ष ऐसे मकानों को सुरक्षित उतरवाने के लिए संबंधित लोगों को नोटिस जारी किए जाते हैं और चेतावनी भी दी जाती है, लेकिन इससे आगे कार्रवाई नहीं करने के कारण हर बरसाती सीजन में इन जर्जर मकानों के कारण हादसा होने का अंदेशा बरकरार रहता है।
आफत न बन जाए मकान
जर्जर मकानों के आसपास रहने वाले लोगों को हर समय अपनी सुरक्षा की चिंता सताती है। बारिश के मौसम में ये लगभग जीर्ण-शीर्ण हो चुके बंद मकान कभी भी भरभराकर गिर कर आसपास रहने वाले लोगों व राहगीरों के लिए आफत का कारण बन सकते हैं। जैसलमेर नगरपरिषद बीते कई वर्षों से ऐसे मकानों को सुरक्षित उतारने के लिए संबंधित लोगों को नोटिस जारी कर कर्तव्य की इतिश्री कर रही है। इससे आगे परिषद कोई कार्रवाई नहीं कर रही, जिससे जर्जर मकानों का खतरा बरकरार है। बारिश के दौरान हर बार जर्जर मकानों से आसपास के लोगों को खतरे का मुद्दा उठता रहा है। नगरपरिषद और जिला प्रशासन तक लोग गुहार लगाते हैं। नगरपरिषद बीते करीब एक दशक से प्रत्येक बरसाती सीजन में नोटिस जारी करने की कवायद करती रही है। इस अवधि में कई मकान धराशायी भी हो गए। अनेक मकानों के मालिकों ने बाद में अपनी सुविधानुसार मकान उतरवा लिए मगर अब भी कई मकान खतरे का सबब बने हुए हैं।
कई मकान खतरे की अवस्था में
नगरपरिषद ने पिछले अर्से के दौरान सोनार दुर्ग के साथ पुराने शहर में करीब 15 मकानों को खतरनाक भवनों के रूप में चिह्नित किया है। उनके मालिकों को नोटिस थमाए गए कि, वे खुद तुरंत मकानों को सुरक्षित उतरवा लें अन्यथा यह कार्य परिषद करेगी और हर्जा-खर्चा उनसे वसूल किया जाएगा। इस बार यह कार्य अब तक नहीं हुआ है। हालांकि नोटिस जारी करने के बाद भी मकान जस के तस खड़े हैं। ऐसे मकान सोनार दुर्ग के ढूंढ़ा पाड़ा, कोठारी पाड़ा, आचार्य पाड़ा, रेलानी पाड़ा, गूंदी पाड़ा, डांगरा पाड़ा, गंगणा पाड़ा आदि में हैं। इनमें से कुछ मकानों को संबंधित लोगों ने उतरवाया भी है, लेकिन अब भी एक दर्जन मकान खतरनाक हैं।
नोटिस देंगे, कार्रवाई करवाएंगे
शहर में जर्जर मकानों को सुरक्षित उतरवाने के लिए संबंधित मकान मालिकों को प्रक्रिया के तहत नोटिस जारी करेंगे और कार्रवाई भी करवाएंगे।
– सुखराम खोखर, आयुक्त, नगरपरिषद जैसलमेर
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