पोकरण के जिला परिवहन कार्यालय में अधिकारियों व कार्मिकों की कमी
बिना नफरी कैसे हो निगरानी!
जैसलमेर
Published: February 24, 2022 05:41:57 pm
पोकरण. क्षेत्र के वाहन चालकों की सुविधा के लिए पोकरण में जिला परिवहन कार्यालय की स्थापना तो कर दी गई है, लेकिन यहां पर्याप्त अधिकारियों व कर्मचारियों को नहीं लगाने के लिए वाहन चालक आज भी परेशान हो रहे है और उन्हें जैसलमेर के चक्कर लगाने पड़ रहे है। गौरतलब हैै कि पूर्व में जिला परिवहन कार्यालय जैसलमेर में ही स्थित था। ऐसे में पोकरण से 120 किमी तथा पोकरण विधानसभा के अंतिम छोर पर स्थित नोख से 225 किमी, फलसूण्ड से 180 किमी का सफर तय कर जैसलमेर मुख्यालय जाना पड़ता था। क्षेत्र के वाहन चालकों व लोगों की मांग पर केबिनेट मंत्री व पोकरण विधायक शाले मोहम्मद के प्रयासों से पोकरण में जिला परिवहन कार्यालय स्वीकृत करवाया गया। गत 24 अगस्त को पोकरण में जिला परिवहन कार्यालय की विधिवत शुरुआत कर दी गई, लेकिन यहां अभी तक पर्याप्त अधिकारी व कर्मचारी नहीं लगाए गए है। जिसके कारण वाहन चालक बार-बार चक्कर काटने को मजबूर हो रहे है।
सात पदों पर दो निरीक्षक
पोकरण के जिला परिवहन कार्यालय में जिला परिवहन अधिकारी का कार्यभार जैसलमेर के अधिकारी के पास ही है। उपनिरीक्षक व निरीक्षक के सात पद स्वीकृत है। यहां पूर्व में कार्यरत एक निरीक्षक को फलसूण्ड के सड़क हादसे के कारण निलंबित कर दिया गया। इसके बाद दो दिन पूर्व यहां दो निरीक्षक लगाए गए है। ऐसे में यहां पांच पद रिक्त पड़े है। इसी प्रकार कनिष्ठ सहायक के चारों पद रिक्त पड़े है। यहां मात्र एक सूचना सहायक ही कार्यरत है।
नहीं हो पा रही वाहनों की जांच
जिला परिवहन अधिकारी का कार्यभार जिले में एक अधिकारी के पास ही होने के कारण लंबे चौड़े भू-भाग में भ्रमण करना और वाहनों की जांच कर पाना मुश्किल हो रहा है। इसके अलावा पोकरण क्षेत्र 150 से 200 किमी परिधि में फैला होने तथा मात्र दो निरीक्षकों के ही कार्यरत होने के कारण वाहनों की जांच और अवैध वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
बढ़ रहे हादसे
क्षेत्र में अवैध वाहनों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। विशेष रूप से बाल वाहिनियों के नाम पर अवैध वाहनों का संचालन हो रहा है। गत दिनों फलसूण्ड के जैतपुरा फांटा के पास स्कूल बस पलटने से दो बच्चों की मौत हो गई थी और 30 बच्चे घायल हो गए थे। इस हादसे के बाद वाहन की जांच की गई तो बस बाल वाहिनी की बजाय निजी मिनी बस के रूप में पंजीकृत थी। साथ ही फिटनेस भी नहीं हो रखा था। क्षेत्र में संचालित ऐसे वाहनों की अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी के कारण जांच नहीं हो पा रही है।
चल रही है व्यवस्था
पोकरण के जिला परिवहन कार्यालय में कार्मिकों की कमी के बावजूद भी काम कर व्यवस्था कर रहे है। समय-समय पर अभियान चलाकर वाहनों की जांच की जाती है। कार्मिकों की कमी को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है।
- टीकूराम पूनड़, जिला परिवहन अधिकारी, पोकरण।

पोकरण के जिला परिवहन कार्यालय में अधिकारियों व कार्मिकों की कमी
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