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सीकर में गायों का यह हाल करने वालों को कमरे में किया बंद, हकीकत जानकर खौल उठा था खून

locationजैसलमेरPublished: Dec 02, 2016 08:05:00 pm

Submitted by:

vishwanath saini

गौ भक्त और बजरंग दल के कार्यकर्ता सुबह पशु चिकित्सालय सीकर पहुंचे थे। उनका कहना था कि भर्ती कराई गई लावारिस गाय को श्वान नौंच कर चले गए और जिम्मेदारों को पता तक नहीं चला।

घायल गायों के इलाज व असुरक्षा से खफा होकर शुक्रवार को गौ भक्तों ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को कमरे में बंद कर दिया। गौ भक्त व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का कहना था कि पशु चिकित्सालय में गायों को भर्ती कराने के बाद उन्हें श्वान नौच जाते हैं। उनके लिए चारे-पानी तक की व्यवस्था नहीं की जाती है। इधर, अधिकारियों का आरोप था कि युवाओं ने उन्हें कमरे में बंद कर दिया और अभद्रता करते हुए कइयों की नाम प्लेट तक तोड़ दी गई। हंगामें पर पुलिस जाप्ता मौके पर पहुंचा और युवाओं को शांत करते हुए अधिकारियों को कमरे से बाहर निकाला।


जानकारी के अनुसार गौ भक्त और बजरंग दल के कार्यकर्ता सुबह पशु चिकित्सालय पहुंचे थे। उनका कहना था कि भर्ती कराई गई लावारिस गाय की पंूछ को श्वान नौंच कर चले गए और जिम्मेदारों को पता तक नहीं चला। इस पर शिकायत लेकर वे पशुपालन विभाग के अधिकारियों के पास गए। वहां सुनवाई नहीं होने पर उन लोगों ने उन्हें कमरे में बंद कर दिया और बाहर कुंदी लगा दी। सूचना पर पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक जीएल लूणिया और सीआे सीटी सुरेंद्र शर्मा पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे। समझाइश कर अधिकारी और कर्मचारियों को बाहर निकाला।



इसके बाद गौ भक्त और कार्यकर्ताओं के साथ संयुक्त निदेशक व सीओ सीटी ने वार्ता की। जिसमें दीपक यादव, आकाश पारीक व नवल बाईसा ने आरोप लगाए कि उनके द्वारा लावारिस व घायल अवस्था में गाय और सांडों को यहां उपचार के लिए लाया जाता है। लेकिन, ना तो घायल जानवर को चिकित्सा समय पर उपलब्ध कराई जाती है और ना ही उनके चारे-पानी की व्यवस्था की जाती है। उनका कहना था कि कई बार यहां भर्ती गायों को श्वान नौच चुके हैं और इलाज के इंतजार में गाय व सांड की मौत हो जाती है।


इस पर संयुक्त निदेशक डा. जीएल लूणिया का कहना था कि चिकित्सालय में आने वाले जानवर के इलाज की जिम्मेदारी उन्हीं की है लेकिन, बजट नहीं मिलने के कारण चारे-पानी की व्यवस्था जुटाना संभव नहीं है। हालांकि लूणिया ने स्पष्ट किया कि आगे से गौ भक्तों को घायल गाय और सांड को लेकर पशुचिकित्सालय के बदले गोपीनाथ गौशाला लेकर जाना होगा। क्योंकि विभाग ने उनके इलाज के लिए वहां भी डॉक्टर और स्टाफ की व्यवस्था कर रखी है। प्रदर्शन के दौरान सुमित जोशी, जितेश शर्मा, नरेंद्र शर्मा सहित दर्जनों युवा उपस्थित थे।


हाजरी ले लो पूरा स्टाफ आता ही नहीं होगा

मामला गर्माने पर सीओ सीटी सुरेंद्र शर्मा ने संयुक्त निदेशक से कहा कि वे तानाशाही नहीं बरते। शिकायत लेकर आने वालों को संतोष जनक जवाब दें। क्योंकि पता है कि कोई समय पर नहीं आता है। विश्वास नहीं है तो हाजरी स्टाफ की हाजरी ले लो पता चल जाएगा।



जिम्मेदारी समझाने लगे तो उन्होंने शुरू की अभद्रता

बजरंग दल के जिला गौ रक्षा प्रमुख जितेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि तीन दिन पहले कार्यकर्ता एक घायल गाय को पशु चिकित्सालय में भर्ती कराकर गए थे। जिसे संभालने के लिए जब सुबह गए तो उसकी पूछ को श्वान ने काट रखा था। बाल इधर-उधर बिखरे हुए थे। अधिकारियों से जब गाय की जिम्मेदारी संभालने की बात कही गई तो उल्टा वे उन्हीं से अभद्रता करने लगे और कहा कि 24 घंटे इनकी देखभाल संभव नहीं है। इस पर तैश में आकर कार्यकर्ताओं ने भी गेट बंद कर दिए थे।



गलतफहमी थी जिसे दूर कर दिया गया:लूणिया

विभाग के संयुक्त निदेशक जीएल लूणिया ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद व गौ भक्तों को गलत-फहमी हो गई थी कि गाय की पूछ को श्वान ने काट लिया है। लेकिन, एेसा नहीं था। संभवतया गाय को पलटी मारने और इलाज के दौरान पूछ हट गई होगी। हालांकि आक्रोशित लोगों ने विभाग के डिप्टी डायरेक्टर के साथ अभद्रता की थी और सबको कमरे में बंद कर दिया था। लेकिन, गलत फहमी दूर होने पर वे मान गए। मामला भी शांत हो गया था।



कलक्टर को सौंपी शिकायत

मामला शांत हो जाने के बाद विश्व हिंदू परिषद की ओर से कलक्टर को शिकायत दी गई। जिसमें पशु चिकित्सालय की अनियमितताओं के विरूद्ध कार्यवाही करने की मांग की गई। गौवंश को भर्ती नहीं करने और भर्ती कराने वालों के साथ अभद्रता करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया।
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