scriptअस्पताल में धूल फांक रही है सोनोग्राफी मशीन, चिकित्सक के अभाव में नहीं हो रहा संचालन | Sonography machine is blowing dust in the hospital, operation is not g | Patrika News

अस्पताल में धूल फांक रही है सोनोग्राफी मशीन, चिकित्सक के अभाव में नहीं हो रहा संचालन

locationजैसलमेरPublished: Sep 21, 2020 12:05:08 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

– बाजार से महंगे दामों में सोनोग्राफी करवाने को मजबूर मरीज

अस्पताल में धूल फांक रही है सोनोग्राफी मशीन, चिकित्सक के अभाव में नहीं हो रहा संचालन

अस्पताल में धूल फांक रही है सोनोग्राफी मशीन, चिकित्सक के अभाव में नहीं हो रहा संचालन

पोकरण. राज्य सरकार की ओर से स्थानीय राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सोनोग्राफी मशीन उपलब्ध करवा दी गई, लेकिन रेडियोलोजिस्ट चिकित्सक का स्थानांतरण हो जाने के कारण गत 18 माह से सोनोग्राफी सेवा बंद पड़ी है और कक्ष पर ताला लगा पड़ा है। जिससे मरीजों व गर्भवती महिलाओं को जांच के लिए परेशानी हो रही है। गौरतलब है कि गत 31 दिसम्बर 2012 को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत पोकरण राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सोनोग्राफी मशीन उपलब्ध करवाकर उसका लोकार्पण किया गया था। इसके बाद से ही यहां स्थायी रेडियोलोजिस्ट लगाने की मांग की जा रही है। कई बार रेडियोलोजिस्ट लगाए जाते है, लेकिन कुछ माह बाद ही वे अपना स्थानांतरण करवा लेते है। जिससे ये सोनोग्राफी कक्ष अधिकतर समय बंद ही रहता है। ऐसे में मरीजों व गर्भवती महिलाओं को बाजार से महंगे दामों में सोनोग्राफी करवानी पड़ रही है।
गर्भवती महिलाओं व उदर संबंधी रोगियों को हो रही है परेशानी
सोनोग्राफी मशीन की सुविधा उपलब्ध होने से यहां गर्भवती महिलाओं व उदर संबंधी रोगियों को राहत मिल रही थी तथा अस्पताल में प्रतिदिन सोनोग्राफी की जाती थी। गत 18 माह से सोनोग्राफी सेवा बंद होने से विशेषकर महिलाओं के गर्भावस्था के दौरान बच्चे की स्थिति, आंवल की स्थिति, बच्चे की जन्मजात विकृति तथा हाईरिस्क बीमारी के बारे में तत्काल जानकारी हासिल करने एवं उसका समय पर उपचार करने में स्थानीय चिकित्सकों को परेशानी हो रही है। सोनोग्राफी सेवाएं बंद होने से स्थानीय चिकित्सकों की ओर से गर्भवती महिलाओं को अब उच्च चिकित्सा सेवा के लिए जोधपुर रैफर किया जा रहा है। इसके अलावा रोगियों के पेट व लीवर से संबंधित बीमारियों, गुर्दे व पित्त की थैली में पथरी, आंतों में सूजन आदि बीमारियों की भी शीघ्र जानकारी तथा रोगी को समय पर उपचार व शीघ्र स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पा रहा है।
तीन बार लगे चिकित्सक
सोनोग्राफी मशीन लगने के बाद स्थानीय एक चिकित्सक को रेडियोलोजिस्ट प्रशिक्षण दिया गया, लेकिन कुछ समय बाद ही वे पीजी के लिए चले गए। इसके बाद एक महिला रेडियोलोजिस्ट को लगाया गया। कुछ समय तक सेवाएं देने के बाद उन्होंने अपना स्थानांतरण करवा लिया। तीसरी बार एक चिकित्सक ने रेडियोलोजिस्ट का प्रशिक्षण लिया। उनकी ओर से कुछ दिनों तक ही सेवाएं दी गई और उनका स्थानांतरण हो गया। ऐसे में सोनोग्राफी सेवा गत 18 माह से पूरी तरह से बंद पड़ी है। जिसके कारण लाखों रुपए की लागत से खरीदी गई मशीन कक्ष मेें धूल फांक रही है। दूसरी तरफ चिकित्सा विभाग की ओर से सोनोग्राफी के लिए अन्य चिकित्साधिकारी को लगाने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिसका खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
उच्चाधिकारियों को करवाया गया है अवगत
रेडियोलोजिस्ट चिकित्सक नहीं होने के कारण गत 18 माह से सोनोग्राफी कार्य बंद पड़ा है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है।
डॉ.बीएल गर्ग, चिकित्सालय प्रभारी राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, पोकरण।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो