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JAISALMER WOMEN’SDAY SPECIAL – घर के बाद सार्वजनिक भूमिका भी निभा रही महिलाएं

locationजैसलमेरPublished: Mar 08, 2018 12:02:04 pm

Submitted by:

jitendra changani

– पंचायतीराज व स्थानीय निकाय चुनाव में महिलाओं को आरक्षण के बाद मिला मौका

Jaisalmer patrika

Patrika news

महिलाओं के लिए राजनीति अब भी चुनौति

पोकरण . पंचायतीराज एवं स्थानीय निकाय चुनावों में महिलाओं को आरक्षण के बाद निर्वाचित जनप्रतिनिधि महिलाओं की जिम्मेदारी बढ़ गई है। अब तक एक गृहिणी के रूप में कार्य करने वाली महिलाएं अब दोहरी भूमिका निभा रही हैं। पंचायत समिति सांकड़ा क्षेत्र में 44 ग्राम पंचायतों में 25 महिलाएं सरपंच हैं। जबकि 10 पंचायत समिति सदस्य हैं। इनमें से एक महिला प्रधान के पद पर निर्वाचित हुई है। इसी प्रकार नगरपालिका में छह महिला पार्षद हैं। प्रधान व सरपंच प्रत्यक्ष रूप से पचंायत समिति व अपनी-अपनी ग्राम पंचायतों का कार्य देखती हैं। घर और बाहर दोनों जगह महिलाओं की भूमिका को लेकर राजस्थान पत्रिका की टीम ने महिला प्रधान से बातकर कार्यक्षमता की जानकारी ली।
गांवों का दौरा, घर का भी कामकाज
पंचायत समिति सांकड़ा में अमतुल्लाह मेहर गत तीन वर्ष से प्रधान पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने शिक्षा अध्ययन करने के बाद 22 वर्ष की आयु में सीधे राजनीति में प्रवेश किया। स्नातकोत्तर तक अध्ययन कर चुकी मेहर रोजाना पंचायत समिति पहुंच प्रशासनिक कार्य देखतीं है। वे नियमित रूप से गांवों का दौरा कर ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनतीं हैं। इसके बावजूद घर के कामकाज में भी मां की मदद करतीं है। उनका मानना है कि एक महिला बेटी, बहन, पत्नी व मां के रूप में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाती रही हैं, लेकिन लोकतांत्रिक व्यवस्था में पंचायतीराज चुनाव में महिलाओं को आरक्षण के बाद जनप्रतिनिधि के रूप में कार्य करना एक नया और बेहतर अनुभव है।
चुनौतीपूर्ण कार्य
उन्होंंने बताया कि घरेलू कामकाज के बाद एक जनप्रतिनिधि के रूप में जिम्मेदारी निभाना चुनौती से कम नहीं है। उन्होंने बताया कि वे सुबह जल्दी उठने के बाद घर में खाना बनाना, पानी भरना, पशुओं की देखभाल करना आदि कार्यों में मां की मदद करतीं है। वे 10 बजे बाद एक बार पंचायत समिति कार्यालय जाकर कामकाज देखती है तथा रात को पढ़ाई भी करतीं है।
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IMAGE CREDIT: patrika

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