scriptJAISALMER NEWS- राजस्थान का राज्य पशु की नहीं बुझ रही पानी की प्यास, जिम्मेदार कागजों में चल रहे योजना | State of Rajasthan, thirst for water not extinguished by the animal | Patrika News

JAISALMER NEWS- राजस्थान का राज्य पशु की नहीं बुझ रही पानी की प्यास, जिम्मेदार कागजों में चल रहे योजना

locationजैसलमेरPublished: May 03, 2018 10:58:53 am

Submitted by:

jitendra changani

ऊंटों के लिए पेयजल संकट, पशुपालक परेशान

Jaisalmer patrika

Patrika news

जैसलमेर . राज्य पशु ऊंट की घटती जनसंख्यां को नियंत्रित करने के लिए भले ही सरकार ने योजनाएं बनाई हो, लेकिन भीषण गर्मी में ऊंट की प्यास नहीं बुझ रही। जिससे राज्य पशु का जीवन संकट में है। हालात यह है कि पशुपालकों की ओर से ऊंट की प्यास बुझाने के लिए किए जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे है। वे पानी पिलाने के लिए दूर-दूर तक जाते है, लेकिन फिर भी ऊंट के पानी का जुगाड़ नहीं हो पा रहा।
भीषण गर्मी की शुरुआत के साथ ही गांवों में ऊंटों के लिए पेयजल संकट गहराने लगा है। गौरतलब है कि लाठी, धोलिया, चांधन आदि ऊंट बाहुल्य क्षेत्र है। क्षेत्र में गत वर्ष औसत से कम बारिश होने के कारण अकाल की स्थिति होने तथा भीषण गर्मी के मौसम में पेयजल की कमी हो गई है। जिसके चलते ऊंटों का भरण पोषण करना पशुपालकों के लिए मुश्किल हो रहा है। ऊंटों के लिए चारे पानी की व्यवस्था को लेकर पशुपालकों को जिलों की सीमाएं पार करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। बगङुराम पूनिया सहित ऊंटपालकों ने मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन प्रेषित कर ऊंटों के संरक्षण के लिए विशेष प्रयास करने की मांग की है।

Jaislamer patrika
IMAGE CREDIT: patrika
बीकानेर की तर्ज पर हो व्यवस्था
ऊंटपालक पूनिया, हरलाल गोदारा, डूंगरराम, भागीरथ, रामलाल, गौरीशंकर, सहदेव, श्रवण ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में लुप्त हो रहे ऊंट की प्रजाति को बचाने के लिए उसे राज्यपशु घोषित किया गया है। जैसलमेर, बीकानेर व बाड़मेर जिले में रेत के टीले व रेगिस्तानी क्षेत्र होने के कारण ऊंट बहुतायत संख्या में है। उन्होंने बताया कि बीकानेर में ऊंटों के संरक्षण के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई है। ऊंटों की उपयोगिता कम होने तथा उनके लिए चारे पानी की व्यवस्था करना बूते के बाहर होने के कारण ऊंटपालक कम कीमत पर उन्हें बेचने के लिए मजबूर हो रहे है। उन्होंने बताया कि ऊंटनी का दूध कई बीमारियों की दवाओं के काम में आता है। ऐसे में ऊंटों के संरक्षण की जरूरत है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो