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JAISALMER NEWS- हाइवे पर हवाई पट्टी निर्माण पर अड़ंगा, तर्क गोडावण के जीवन पर संकट की आशंका

locationजैसलमेरPublished: Mar 26, 2018 11:23:02 am

Submitted by:

jitendra changani

-वायुसेना ने चिह्नित किया है फलोदी-जैसलमेर मार्ग, एनएचएआई को करवाना है निर्माण

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जैसलमेर. आपातकालीन परिस्थितियों में हाईवे पर लड़ाकु विमान उतारने की योजना में वनविभाग ने अड़ंगा लगा दिया है। विभागीय जिम्मेदारों ने गोडावण रहवासी क्षेत्र में आने वाले हाईवे पर हवाई पट्टी बनाने की स्वीकृति जारी करने से मना कर दिया है। जिससे हाईवे पर हवाई पट्टी बनाने की योजना को तगड़ा झटका लग सकता है। जानकारों की माने तो सरहदी जैसलमेर जिले में वायुसेना की ओर से फलोदी-जैसलमेर मार्ग पर हवाई पट्टी निर्माण की योजना बनाई है। जिस पर अब वन विभाग ने इस क्षेत्र को गोडावण रहवासी क्षेत्र बताते हुए एनओसी देने से इंकार कर दिया है। ऐसे में सरहदी जैसलमेर जिले में हाइवे पर लड़ाकु विमान उतारने के लिए किसी अन्य स्थान की खोज करनी होगी या फिर विभाग की स्वीकृति के बिना ही हवाई पट्टी बनाई जाएगी।
फैक्ट फाइल –
-03 सडक़ मार्गों पर हवाई पट्टी बनेगी जैसलमेर में
-07 मीटर चौड़ी होगी हवाई पट्टी
-4500 एकड़ में फैला है रामदेवरा एनक्लोजर
-700 एकड़ क्षेत्र हवाई पट्टी निर्माण में आना है

पहले अनुमति लेनी थी
वायुसेना की ओर से एनएचआईए फलोदी-जैसलमेर मार्ग पर हवाई पट्टी बनाने जा रहा है, उस संबंध में पहले वन विभाग से अनुमति नहीं ली गई। गोडावण संरक्षण के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों प्रयासरत हैं। हमने अपनी ओर से आपत्ति जता दी है, अब आगे देखते हैं क्या होता है।
-अनूप केआर, उप वन संरक्षक, राष्ट्रीय मरु उद्यान, जैसलमेर
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वन विभाग ने एनओसी देने से किया इनकार
आपातकालीन परिस्थितियों में यमुना एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर राजमार्गों पर भारतीय वायुसेना के विमान उतारने के लिए हवाई पट्टियों निर्माण की योजना में वन विभाग जैसलमेर ने अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) देने से इनकार कर दिया है। वायुसेना ने इसके लिए जिले में ऐसे तीन मार्गों का चयन किया है। वहीं इनके निर्माण का जिम्मा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को सौंपा गया है। इनमें से एक हवाई पट्टी फलोदी-जैसलमेर मार्ग पर बनाई जानी है। जिसका हिस्सा रामदेवरा के पास वन विभाग की ओर से गोडावण प्रजनन के लिए निर्धारित क्षेत्र में आ रहा है। वन विभाग ने उसी पर आपत्ति जताते हुए एनएचएआई को एनओसी देने से इनकार किया है। अब इस मामले में वन विभाग तथा वायुसेना आमने-सामने होने की स्थितियां बन गई है। बताया जा रहा है वायुसेना भी इस प्रोजेक्ट से पीछे हटने को तैयार नहीं है।
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राजस्थान में 5, जैसलमेर में 3
जानकारी के अनुसार आपातकालीन परिस्थितियों में वायुसेना के लड़ाकू तथा अन्य विमानों को सडक़ पर ही उतारने और उड़ान भरने के लिए वायुसेना ने राजस्थान में कुल एक दर्जन सडक़ों पर विचार किया। अंतिम तौर पर वायुसेना राज्य में ऐसे पांच मार्गों पर हवाई पट्टियों का निर्माण एनएचआईए के माध्यम से करवा रही है। जिनमें से तीन जैसलमेर जिले के क्षेत्र में आते हैं। इनमें नाचना-रामगढ़ तथा जैसलमेर-बाड़मेर के लिए एनओसी की जरूरत नहीं है, लेकिन फलोदी-जैसलमेर मार्ग पर बनने वाली हवाई पट्टी के रामदेवरा एनक्लोजर क्षेत्र में आने से वन विभाग इस पर ऐतराज जता रहा है। गौरतलब है कि दिल्ली के पास यमुना एक्सप्रेस-वे पर वायुसेना ने सडक़ पर हवाई पट्टी बना सफलता पूर्वक विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ करवाई थी। ऐसी ही आपातकालीन हवाई पट्टियां जैसलमेर सहित राजस्थान के पांच मार्गों पर बनवाई जाएंगी। जिनकी चौड़ाई सात मीटर होगी।
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गोडावण क्षेत्र में हाई-वे पर हवाई पट्टी बनाने का विरोध

फलोदी-जैसलमेर मार्ग पर हवाई पट्टी निर्माण के संबंध में ऐतराज जताते हुए वन विभाग ने एनएचआईए को लिखे पत्र में कहा कि यह कार्य रामदेवरा एनक्लोजर क्षेत्र में करीब 30 मीटर भीतर तक आता है। वहां हवाई पट्टी बन जाने से विमानों उतरने व उड़ान भरने के दौरान होने वाले शोर-शराबे से राज्य पक्षी गोडावण यहां से पलायन कर जाएंगे। साथ ही अन्य वन्यजीवों को भी इससे खतरा उत्पन्न हो जाएगा। प्रतिवर्ष औसतन 15 गोडावण का प्रजनन इस क्षेत्र में हो रहा है। ऐसे में यहां हवाई पट्टी निर्माण की योजना को वापस लिया जाए और इसका निर्माण अन्यत्र करवाया जाए। बताया जाता है कि वायुसेना फलोदी-जैसलमेर मार्ग पर ही हवाई पट्टी निर्माण करवाने का इरादा रखती है। उसकी ओर से कहा जा रहा है कि, अब इस प्रोजेक्ट से वह पीछे नहीं हट सकती।
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