फैक्ट फाइल –
-03 सडक़ मार्गों पर हवाई पट्टी बनेगी जैसलमेर में
-07 मीटर चौड़ी होगी हवाई पट्टी
-4500 एकड़ में फैला है रामदेवरा एनक्लोजर
-700 एकड़ क्षेत्र हवाई पट्टी निर्माण में आना है पहले अनुमति लेनी थी
वायुसेना की ओर से एनएचआईए फलोदी-जैसलमेर मार्ग पर हवाई पट्टी बनाने जा रहा है, उस संबंध में पहले वन विभाग से अनुमति नहीं ली गई। गोडावण संरक्षण के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों प्रयासरत हैं। हमने अपनी ओर से आपत्ति जता दी है, अब आगे देखते हैं क्या होता है।
-अनूप केआर, उप वन संरक्षक, राष्ट्रीय मरु उद्यान, जैसलमेर
-03 सडक़ मार्गों पर हवाई पट्टी बनेगी जैसलमेर में
-07 मीटर चौड़ी होगी हवाई पट्टी
-4500 एकड़ में फैला है रामदेवरा एनक्लोजर
-700 एकड़ क्षेत्र हवाई पट्टी निर्माण में आना है पहले अनुमति लेनी थी
वायुसेना की ओर से एनएचआईए फलोदी-जैसलमेर मार्ग पर हवाई पट्टी बनाने जा रहा है, उस संबंध में पहले वन विभाग से अनुमति नहीं ली गई। गोडावण संरक्षण के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों प्रयासरत हैं। हमने अपनी ओर से आपत्ति जता दी है, अब आगे देखते हैं क्या होता है।
-अनूप केआर, उप वन संरक्षक, राष्ट्रीय मरु उद्यान, जैसलमेर
आपातकालीन परिस्थितियों में यमुना एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर राजमार्गों पर भारतीय वायुसेना के विमान उतारने के लिए हवाई पट्टियों निर्माण की योजना में वन विभाग जैसलमेर ने अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) देने से इनकार कर दिया है। वायुसेना ने इसके लिए जिले में ऐसे तीन मार्गों का चयन किया है। वहीं इनके निर्माण का जिम्मा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को सौंपा गया है। इनमें से एक हवाई पट्टी फलोदी-जैसलमेर मार्ग पर बनाई जानी है। जिसका हिस्सा रामदेवरा के पास वन विभाग की ओर से गोडावण प्रजनन के लिए निर्धारित क्षेत्र में आ रहा है। वन विभाग ने उसी पर आपत्ति जताते हुए एनएचएआई को एनओसी देने से इनकार किया है। अब इस मामले में वन विभाग तथा वायुसेना आमने-सामने होने की स्थितियां बन गई है। बताया जा रहा है वायुसेना भी इस प्रोजेक्ट से पीछे हटने को तैयार नहीं है।
जानकारी के अनुसार आपातकालीन परिस्थितियों में वायुसेना के लड़ाकू तथा अन्य विमानों को सडक़ पर ही उतारने और उड़ान भरने के लिए वायुसेना ने राजस्थान में कुल एक दर्जन सडक़ों पर विचार किया। अंतिम तौर पर वायुसेना राज्य में ऐसे पांच मार्गों पर हवाई पट्टियों का निर्माण एनएचआईए के माध्यम से करवा रही है। जिनमें से तीन जैसलमेर जिले के क्षेत्र में आते हैं। इनमें नाचना-रामगढ़ तथा जैसलमेर-बाड़मेर के लिए एनओसी की जरूरत नहीं है, लेकिन फलोदी-जैसलमेर मार्ग पर बनने वाली हवाई पट्टी के रामदेवरा एनक्लोजर क्षेत्र में आने से वन विभाग इस पर ऐतराज जता रहा है। गौरतलब है कि दिल्ली के पास यमुना एक्सप्रेस-वे पर वायुसेना ने सडक़ पर हवाई पट्टी बना सफलता पूर्वक विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ करवाई थी। ऐसी ही आपातकालीन हवाई पट्टियां जैसलमेर सहित राजस्थान के पांच मार्गों पर बनवाई जाएंगी। जिनकी चौड़ाई सात मीटर होगी।