पोकरण रेलवे स्टेशन आवारा पशुओं का अड्डा बनता जा रहा है। यहां आने वाली ट्रेनों की खिड़कियों पर आवारा पशुओं का स्वच्छंद विचरण करते देखा जा सकता है। बावजूद इसके जिम्मेदारों की आंख नहीं खुल रही है। यहां का रेलवे स्टेशन अव्यवस्थाओं के चलते स्वच्छ स्टेशन, स्वच्छ रेल के सपने को धूमिल कर रहा है। शौचालय हो या प्लेटफार्म अथवा रेल के डिब्बे चारों तरफ आवारा पशुओं का जमघट लगा रहता है। ये आवारा पशु यात्रियों की खाने पीने की वस्तुओं पर मुंह मारते है तथा कई बार आपस में भिड़ जाने के दौरान अफरा तफरी की स्थिति हो जाती है। ऐसे में यात्रियों के चोटिल होने की भी आशंका बनी हुई है।
इन दिनों भीषण गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। रेल में यात्रा करने वाले मुसाफिरों के लिए यहां ठण्डे पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। वर्षों पूर्व यहां स्थापित की गई प्याऊ भी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म को ऊंचा उठाते समय नीचे दब गई। अब इस प्याऊ का कोई उपयोग नहीं हो रहा है। हालांकि रेलवे विभाग की ओर से खानापूर्ति करते हुए यहां नल अवश्य लगाए गए है, लेकिन इन नलों से आ रहे गर्म पानी से हलक तर करना दूर, हाथ धोना भी मुश्किल हो जाता है। जिसके चलते यहां रेलों में यात्रा करने वाले मुसाफिरों को रेलवे स्टेशन पर बोतल बंद पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है।