जैसलमेरPublished: Jan 10, 2023 04:46:42 pm
Deepak Vyas
-बाबा की नगरी में 11हजार की आबादी व 50 लाख श्रद्धालु मिनरल वाटर पर निर्भर
-वर्षों से मीठे पानी से कंठ तर करने की आस अब तक अधूरी।
दीपक व्यास/राजेन्द्र सोनी
जैसलमेर/रामदेवरा. रेगिस्तानी जिले जैसलमेर की गोद में बसा व धर्म नगरी के तौर पर विख्यात रामदेवरा की आबादी 11 हजार है, वहीं श्रद्धालुओं की आवक भी हर वर्ष 50 लाख है, लेकिन वर्षों से मीठे पानी से कंठ तर करने की आस अभी अधूरी ही है। यहां प्रतिदिन 10 लाख लीटर नहरी पानी की आपूर्ति हो रही है, वहीं जानकारों की मानें तो करीब 5 लीटर खारे पानी की मिलाने की मजबूरी है। निराशाजनक बात यह है कि देश-दुनिया में ख्याति अर्जित करने के बावजूद रामदेवरा क्षेत्र में नहर का मीठा पानी सपना ही बना हुआ है। उधर, देश व प्रदेश से पूरे साल रामदेवरा आने वाले श्रद्धालुओं को भी पीने का मीठा पानी नही मिलता है। मीठे पानी के अभाव में ग्रामीणों और यात्रियों को बोतल बंद पानी या आरओ प्लांट की आपूर्ति पर निर्भर रहना पड़ता है।
जानकारी के अनुसार रामदेवरा कस्बे सहित आसपास के क्षेत्र के लोगो को इंदिरा गांधी नहर के समीप से गुजरने के बावजूद भी पीने को नहर का मीठा पानी नही मिल रहा हैं।
हकीकत यह भी
-रामदेवरा में आम दिनों में भी पीने के मीठे पानी की व्यवस्था नहीं की जाती है।
-भादवा मेले में लाखों श्रद्धालुओं के लिए सीधे पानी के टैंकर से पीने के पानी की व्यवस्था की जाती है।
-मेले के दौरान ट्यूबवेल और पानी की पाइप लाइन से सीधे टैंकर भरकर पानी की आपूर्ति की जाती है।