भारत-पाकिस्तान के बीच थार एक्सप्रेस से दोनों देशों के नागरिकों को आने-जाने में काफी सुविधा हुई है, वहीं कुछ आशंकाएं भी गहराई हैं। थार एक्सप्रेस से भारत पहुंचने वाले कई लोग खुफिया तंत्र की निगाहों में हैं और उसका कारण है उनकी संदिग्धता। ऐसे लोगों की भी सुरक्षा एजेंसिया तलाश कर रही है, जिनकी वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी वे जैसलमेर व आसपास के सरदही क्षेत्रों में बैठे हैं। यह चिंता इसलिए भी लाजमी है, क्योंकि अब ऐसे लोगों की कोई खैर खबर भी नहीं है। यही नहीं ऐसे लोगों ने पाकिस्तान जाने के लिए किसी तरह का न तो आवेदन किया है और न ही उन्होंने पाकिस्तान वापिस नहीं जाने के लिए कोई पुख्ता कारण ही बताया है। उधर, पुलिस महकमे के सूत्र बताते हैं कि वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी कई ऐसे लोग संदिग्ध हंै, जो वापिस पाकिस्तान नहीं लौटे हैं।
यहां प्रतिबंध का बंधन
प्रतिबंधित क्षेत्रों में बिना रोक-टोक के रोज सैकड़ों लोग प्रतिबंधित इलाकों में आ-जा रहे हैं। गौरतलब है कि प्रतिबंधित क्षेत्र में जैसलमेर जिले के आठ थाना क्षेत्रों के करीब साढ़े तीन सौ गांव आते हैं। जिसमें झिनझिनियाली के 40 गांव, खुहड़ी के 65 गांव, सम के 35 गांव, शाहगढ़ के 68 गांव, रामगढ़ 32 गांव, मोहनगढ़ 48 गांव, नाचना के 22 गांव व नोख के 29 गांव शामिल है। प्रतिबंधित थाना क्षेत्रों में प्रवेश के लिए वैधानिक अनुमति जरुरी है। एसडीएम, संबंधित थाना, पुलिस अधीक्षक व तहसीलदार से सत्यापन होने के बाद उस शख्स को प्रतिबंधित थाना क्षेत्र में जाने की अनुमति मिलती है, जो अधिकतम पन्द्रह दिन तक के लिए होती है। अवधि बढ़ाने पर फिर अनुमति लेनी पड़ती है।