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करोड़ों खर्च,फिर भी गंदगी से नहीं मिली आजादी

locationजैसलमेरPublished: Jan 20, 2020 06:11:10 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

करोड़ोंं रुपए खर्च होने के बाद भी परमाणु नगरी पोकरण में कचरे के निस्तारण के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है। गत कुछ वर्ष पूर्व कस्बे से एकत्रित किए जाने वाले कचरे को शहर से दो किमी दूर खुले स्थान पर डाला जा रहा है। जहां पशुओं का जमावड़ा नजर आ रहा है।

system of garbage disposal proved to be a failure in pokhran

करोड़ों खर्च,फिर भी गंदगी से नहीं मिली आजादी

जैसलमेर/पोकरण. करोड़ोंं रुपए खर्च होने के बाद भी परमाणु नगरी पोकरण में कचरे के निस्तारण के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है। गत कुछ वर्ष पूर्व कस्बे से एकत्रित किए जाने वाले कचरे को शहर से दो किमी दूर खुले स्थान पर डाला जा रहा है। जहां पशुओं का जमावड़ा नजर आ रहा है। इसके अलावा व्यास कॉलोनी के पीछे भी कचरे के ढेर देखने को मिल रहे है। गौरतलब है कि करीब चार किमी क्षेत्रफल में फैले पोकरण की आबादी 25 हजार की है। कचरे के निस्तारण की व्यवस्था पूरी तरह से विफल साबित हुई है। इसके अलावा सीवरेज के गंदे पानी की निकासी के लिए कोई ट्रीटमेंट प्लांट की व्यवस्था नहीं है। इसका पानी सीधा रिण क्षेत्र में जा रहा है।
नगरपालिका की ओर से कुछ वर्ष पूर्व फलसूण्ड रोड पर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 125 के किनारे करीब 400 बीघा भूमि डम्पिंग यार्ड के नाम से आरक्षित की गई है। कस्बे से ट्रैक्टर, टैक्सी के माध्यम से कचरा उठवाकर इस डम्पिंग यार्ड में डाला जा रहा है। यहां जगह-जगह कचरे के ढेर लगे पड़े है। यहां चारों तरफ पॉलीथिन बिखरी पड़ी है। जिसका निस्तारण नहीं किए जाने के कारण विचरण करते पशु इन पॉलीथिन व कचरे को खा रहे है और बीमार हो रहे है। इस ओर नगरपालिका प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
ट्रीटमेंट प्लांट ही नहीं
पोकरण के विभिन्न गली मोहल्लों में सीवरेज लाइन अवश्य लगा दी गई है, लेकिन ट्रिटमेंट प्लांट नहीं बनाया गया है। इन सीवरेज से गंदा पानी नाले नालियों के माध्यम से व्यास कॉलोनी के पीछे से होते हुए जोधपुर रोड के उत्तर की तरफ स्थित रण क्षेत्र में जा रहा है। जिससे नमक उत्पादन क्षेत्र भी दूषित हो रहा है। इसी प्रकार यह गंदा पानी मोहल्लों के बीच से होकर गुजरता है। जिससे यहां निवास कर रहे लोगों का भी दुर्गंध के कारण बेहाल हो रहा है। कुछ वर्षों से नगरपालिका की बैठकों के दौरान भी ट्रिटमेंट प्लांट स्थापित करने को लेकर चर्चा अवश्य हो रही है, लेकिन प्लांट स्थापित करने के लिए धरातल पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
करोड़ों खर्च, नतीजा सिफर
कस्बे में सफाई व्यवस्था के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे है। पोकरण में स्थित 25 वार्डों में नगरपालिका व ठेकेदार के सफाई कर्मचारियों की ओर से कचरा एकत्र किया जाता है। जिन्हें ट्रैक्टरों व टैक्सी के माध्यम से बाहर फिकवाया जाता है। गली मोहल्लों की संख्या को देखते हुए सफाई कर्मचारियों की संख्या नाकाफी है। ऐसे में कस्बे में पर्याप्त सफाई नहीं हो पाती है। कस्बे के गली मोहल्लों में स्थित नाले नालियों की समय पर सफाई नहीं होने से आए दिन गंदा पानी ओवरफ्लो होकर सडक़ पर जमा हो जाता है। बावजूद इसके नगरपालिका की ओर से व्यवस्था सुधारने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
फैक्ट फाइल:-
– 4 किमी क्षेत्र में फैला हैै पोकरण
– 25 हजार की आबादी है पोकरण की
– 25 वार्ड है पोकरण कस्बे की
– 400 बीघा भूमि है डम्पिंग यार्ड की
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