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अफीम के दूध के साथ पकड़े गए आरोपी दोषी करार, 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा

जैसलमेर दो किलो अफीम के दूध के साथ पकड़े गए आरोपियों को दोषी करार कर न्यायालय ने दस साल के कठोर कारावास, पचास हजार रुपए जुर्माना व जुर्माना नहींं देने पर एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

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दो किलो अफीम के दूध के साथ पकड़े गए आरोपियों को दोषी करार कर न्यायालय ने दस साल के कठोर कारावास, पचास हजार रुपए जुर्माना व जुर्माना नहींं देने पर एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। विशिष्ट लोक अभियोजक रमणलाल बालोच ने बताया कि जैसलमेर के एनडीपीएस कोर्ट में प्रकरण 117/2010 पिछले 14 साल से लंबित था। जिसका निर्णय विशिष्ट न्यायाधीश एनडीपीएस कोर्ट के न्यायाधीश पूरण कुमार शर्मा की ओर से बुधवार को सुनाया गया। लोक अभियोजक ने बताया कि वीरमाराम पुत्र देराजराम और ओमप्रकाश पुत्र चैनाराम व भोमाराम पुत्र लिछमणाराम के विरुद्ध धारा 8/18 स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 के तहत प्रकरण थानाधिकारी पुलिस थाना कोतवाली, जैसलमेर में दर्ज हुआ था। आरोपियों के विरुद्ध आरोप था कि 17 जून 2010 को थानाधिकारी निहालसिंह को सुरेशसिंह निरीक्षक जी.ब्रांच हेडक्वाटर बीएसएफ जैसलमेर से इत्तला मिली कि तीन व्यक्ति अवैध वाहन में अवैध रूप से भारी मात्रा में अफीम का दूध भरकर बाड़मेर की तरफ से जैसलमेर शहर मेंं आपूर्ति करने आ रहे है, तब बाड़मेर व जैसलमेर के एनएच- 15 सडक़ रास्ते बीएसएफ व पुलिस जाब्ता के साथ नाकाबंदी करने पर करीब 12:25 पीएम पर बाड़मेर की तरफ से एक सफेद रंग की बंद बॉडी की गाड़ी तेज गति से आई, जिसे रुकवाया तो गाड़ी के भीतर ओमप्रकाश, भोमाराम व विरमाराम बैठे हुए थे। आगे की सीट के पास बने लकड़ीनुमा बंद बॉक्स के भीतर पॉलीथिन की सफेद डबल थैली के अंदर काले भूरे रंग का गाढ़ा पदार्थ दो किलो अफीम का दूध बरामद किया गया। जिस पर आरोपी तीनों के विरुद्ध अनुसंधान के बाद आरोप पत्र न्यायालय में विचारण के लिए पेश किया गया। राज्य सरकार की ओर से विचारण में कुल 18 गवाहों के बयान करवाए गए व कुल 47 दस्तोवज पेश किए गए। न्यायालय की ओर से आरोपियों व राज्य की ओर से बहस सुनी जाकर निर्णय दिया गया। निर्णय के अनुसार वीरमाराम पुत्र देराजराम निवासी माधासर, पुलिस थाना बायतु, जिला बाड़मेर, ओमप्रकाश पुत्र चैनाराम निवासी किशने का तला हाल बायतु, पुलिस थाना बायतु, जिला बाड़मेर और भोमाराम पुत्र लिछमणाराम निवासी बांदरा, पुलिस थाना सदर बाड़मेर, जिला बाड़मेर को धारा 8/18 स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम1985 के तहत दंडनीय अपराध के लिए दोषसिद्ध करते हुए प्रत्येक अभियुक्त को दस वर्ष के कठोर कारावास से, प्रत्येक अभियुक्त को 50 हजार रुपए के अर्थदंड व अर्थदंड जमा नहीं करवाने पर अभियुक्त प्रत्येक को एक साल का कठोर कारावास अतिरिक्त भुगताया जाने का आदेश पारित किया गया। राज्य सरकार की ओर से विशिष्ट लोक अभियेाजक रमणलाल बालोच ने पैरवी की।