सोनार दुर्ग , दर्जी पाड़ा सहित कई क्षेत्रों के लोगों ने भी भुगती परेशानीजैसलमेर. कभी यहां तो कभी वहां, बिजली व्यवस्था में फॉल्ट के चलते परेशानी भोगने वाले
जैसलमेर के कुछ हिस्सों में रविवार-सोमवार की पूरी रात बत्ती गुल रही, जिसके चलते संबंधित इलाकों के बाशिंदे पूरी रात हैरान होते रहे। जानकारी मिली है कि, इस परेशानी की जड़ में दो पशुओं की लड़ाई है। जिन्होंने आपस में टकराकर शहर के दर्जीपाड़ा के ट्रांसफार्मर व एक खंभे को क्षतिग्रस्त कर दिया। इससे दर्जी पाड़ा में तो बिजली गुल हुई, साथ ही कई जगहों के तार ‘जर्क’ हो जाने से वहां भी अंधेरा छा गया।इन इलाकों में सोनार दुर्ग का क्षेत्र भी शामिल है।
रात भर ढूंढते रहे फॉल्टरविवार की रात करीब साढ़े ग्यारह बजे दो पशु आपस में लड़ते हुए दर्जी पाड़ा में स्थापित ट्रांसफार्मर से टकरा गए।इससे ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गया और पूरे इलाके की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। इसके परिणामस्वरूप दूरदराज तक की कुछ लाइनों में जर्क आ गया और वहां भी बिजली गुल हो गई।संबंधित क्षेत्रों के लोगों ने जब इसकी शिकायत विद्युत निगम के अधिकारियों को की तो उन्हें फॉल्ट का पता लगाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।कभी लगा कि एयरफोर्स फीडर में गड़बड़ आई तो कभी 132 केवी जीएसएस से आपूर्ति में व्यवधान की बात कही गई।
पूरी रात जागकर काटीरविवार-सोमवार की रात्रि को बिजली आपूर्ति में व्यवधान के चलते सोनार दुर्ग और दर्जी पाड़ा सहित कुछ अन्य इलाकों में अनेक लोगों को अपार परेशानियां झेलनी पड़ी और उन्होंने रात जागकर गुजारी।उनके घरों में लगे इनवर्टर की बैटरी भी चूक गई।दुर्ग के बाशिंदे रात भर डिस्कॉम के अधिकारियों से बिजली के लौटने के संबंध में जानकारियां लेते रहे।अलसुबह करीब ६ बजे दुर्ग व उससे लगते क्षेत्र में विद्युत आपूर्तिव्यवस्था बहाल हो पाई।
18 घंटे बाद लौटी बिजली-दर्जी पाड़ा में क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर को तैयार करवाकर विद्युत आपूर्ति बहाल करवाने में करीब 18 घंटे लग गए।
-कनिष्ठ अभियंता मोहित भारती तथा अन्य तकनीकी कार्मिकों ने ट्रांसफॉर्मर को फिर से तैयार कर उसे स्थापित किया व खंभे को दुरुस्त करवाया।
-दर्जी पाड़ा में सोमवार सायं करीब ५ बजे बिजली लौटने पर लोगों ने राहत की सांस ली।यहां बीती रात ११ बजे के बाद लाइट गुल हुई थी।
-18 घंटों की विद्युत कटौती के चलते क्षेत्रवासियों को तेज गर्मी में पंखों व कुलरों के बिना समय व्यतीत करना पड़ा। लोग मोबाइल चार्ज करने को भी तरस गए।