इधर भी खुदा है, उधर भी खुदा है… -विश्व पुस्तक दिवस के उपलक्ष्य में काव्य गोष्ठी का आयोजन जैसलमेर. विश्व पुस्तक दिवस के उपलक्ष्य में हनुमान चौराहा स्थित राजकीय सार्वजनिक जिला पुस्तकालय सभागार में काव्य गोष्ठी का आयोजन वरिष्ठ साहित्यकार दीनदयाल ओझा की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम का आगाज मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। पुस्तकालयाध्यक्ष आनन्द कुमार चौहान ने संभागियों का स्वागत किया। ओझा ने कहा कि यदि पुस्तक लेखन न होता तो हमें पूर्वजों का संचित ज्ञान प्राप्त नहीं होता। पुस्तक हमारा मार्ग दर्शन करती है। मांगीलाल सेवक ने पुस्तकों की महता से अवगत कराया। गिरधर भाटिया ने इधर भी खुदा है, उधर भी खुदा है… कविता सुनाई। श्रीवल्लभ पुरोहित ने कहा कि यूनेस्को द्वारा शेक्सपीयर के जन्मदिन पर पुस्तक दिवस की शुरूआत की गई। इस दौरान ओमप्रकाश भाटिया ने बेटी नामक कविता बहुत संघर्ष कर थक चुकी हो मां… सुनाई। मणीकम ने कहा कि पुस्तकों में विद्यानों ने विभिन्न तरह का ज्ञान संचित कर उसे संरक्षित रखा है। संध्या व्यास ने मायंका कई दिनों से घर बिखरा सा है कुछ दिनों से दिल उखड़ा सा है… कमल छंगाणी ने मानवता का पाठ पढ़ाती सभ्यता का इतिहास रचाती पुस्तक…कविता सुनाई। विजय बल्लाणी ने पुस्तकों का महत्व बताया। इस दौरान दिलीप रतनू, नेमीचंद जैन, धनपतसिंह सोढ़ा ने विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी में मोतीलाल प्रजापत, शिवरतन पुरोहित, राकेश कुमार, रामावतार, चन्द्रभान खत्री, मोहनसिंह, धर्मेन्द्र कुमावत, गोविन्दसिंह राघवा आदि उपस्थित रहे। संचालन मांगीलाल सेवक ने किया।
IMAGE CREDIT: patrikaविद्यालय में प्याऊ निर्माणजैसलमेर. स्थानीय स्वामी विवेकानन्द बाल निकेतन उमा विद्यालय इंदिरा कॉलोनी में स्व. श्रीवल्लभ धीरण की दसवीं पुण्यतिथि पर प्याऊ का निर्माण कर उसका लोकार्पण किया गया। गौरतलब है कि स्व. धीरण की धर्मपत्नी शांति देवी एवं उनके पुत्र हरीश धीरण ने विद्यालय परिसर में छात्रों के लिए प्याऊ का निर्माण करवाया गया। संस्थान के निदेशक भगवानसिंह ने आभार जताया।