तीन साल से दवा भण्डार गृह में रखी है ऐसी दवा भी? यही वजह है कि सीएमएचओ जब किसी काम से बाहर जाते हैं तो द्वितीय अधिकारी कार्यालय में बैठने की बजाय खुद भी जांच कार्य से यात्रा पर निकल जाते हैं। यदि खुद सीएमएचओ के तर्क को सही माने तो गत 15 फरवरी को भी कुछ एेसा ही हुआ।
सीएमएचओ डॉ.सुकुमार कश्यप सरकारी कार्य से जयपुर गए थे, उस समय उनके साथ कार्यालय के कमरा संख्या 4 व 11 में बैठने वाले सभी कर्मचारी साथ थे। इसके अलावा कमरा संख्या ३ में बैठने वाले वरिष्ठ लेखाधिकारी भी सरकारी यात्रा पर जयपुर थे। यह सफाई खुद सीएमएचओ ने पत्रिका को दी है।
अजय देवगन की एक झलक पाने उमड़े प्रशंसक सीएमएचओ के जिले से बाहर रहने पर कार्यालय में डिप्टी सीएमएचओ को रहना चाहिए, लेकिन उन्होंने भी मेड़तासिटी का टूर बना लिया। संयोग देखिए, कमरा संख्या 7 में बैठने वाले सहायक लेखाधिकारी व कनिष्ठ लिपिक के परिवार में भी उसी दिन शादी समारोह था, इसलिए वे भी अवकाश पर थे।
एक अन्य कमरे में बैठने वाला कार्मिक रोकडि़या भी आकस्मिक अवकाश पर चला गया। राजस्थान पत्रिका ने 15 फरवरी को सीएमएचओ कार्यालय की अव्यवस्थाओं की पोल खोली तो खुद सीएमएचओ ने यह जानकारी दी। खबर पर उच्चाधिकारियों ने रिपोर्ट मांगी तो सीएमएचओ ने पत्रिका की खबर को झूठा बताने के लिए किसी को जयपुर यात्रा पर बता दिया तो किसी को जांच कार्य के लिए मेड़ता सिटी जाना दिखा दिया। किसी के घर में शादी तो किसी ने आकस्मिक अवकाश ले लिया।
इस दौरान उन्होंने यह भी नहीं सोचा कि जिले के परबतसर, लाडनूं या नावां जैसे 150 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर जिला मुख्यालय आने वाले लोगों की फरियाद कौन सुनेगा, क्योंकि कार्यालय के तो ताले
लग गए।