नौ वर्षों से बंद पड़े है सुभाष सर्किल के फव्वारे, तो व्यास सर्किल के एक बार भी नहीं हुए शुरू
ये कब होंगे गुलजार?

पोकरण. नगरपालिका की ओर से कस्बे के सौंदर्यकरण को लेकर गत नौ वर्ष पूर्व सुभाष सर्किल व जयनारायण व्यास बालोद्यान में लगाए गए फव्वारे आज तक चालू नहीं होने के कारण आम जनता को इसका लाभ नहीं मिल रहा है तथा सरकार की ओर से खर्च की गई राशि बेकार साबित हो रही है। गौरतलब है कि गत नौ वर्ष पूर्व नगरपालिका की ओर से कस्बे के सौंदर्यकरण के अंतर्गत सुभाष सर्किल व जयनारायण व्यास बालोद्यान में करीब आठ लाख रुपए की धनराशि खर्च कर यहां फव्वारे लगाए गए थे। इनमें से जयनारायण व्यास बालोद्यान के फव्वारे तो अभी तक शुरू ही नहीं किए गए है। दूसरी तरफ सुभाष सर्किल में लगाए गए फव्वारे कुछ दिनों के बाद ही बंद हो गए, जो गत नौ वर्षों से पूरी तरह से बंद पड़े है। यहां रात्रि के समय रौशनी की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण विरानी छाई रहती है। कस्बे में नौ वर्ष पूर्व पहली बार नगरपालिका की ओर से किसी सर्किल पर फव्वारा सैट लगाए गए थे, ताकि रात्रि के समय कोई व्यक्ति यहां आकर दो घड़ी अपना समय सुकून के साथ व्यतीत कर सके। हालांकि यहां बैठने के लिए पत्थर की बैंचें, हरी घास व लाइटिंग की व्यवस्था भी की गई थी, लेकिन एक तरफ फव्वारे कभी कभार ही चालू होते है। दूसरी तरफ यहां की गई लाइटिंग व्यवस्था भी बंद पड़ी होने के कारण सुभाष सर्किल अब धीरे धीरे पुन: विरान होने लगा है। इस बदहाली की ओर नगरपालिका की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
व्यास सर्किल के फव्वारे नहीं हुए शुरू, उद्घाटन से पहले ही टूटने लगी दीवारें
कस्बे के मुख्य चौराहे जयनारायण व्यास सर्किल के पास स्थित व्यास बालोद्यान में भी सौंदर्यकरण के अंतर्गत इसकी मरम्मत व फव्वारा सेट लगाने के लिए धनराशि खर्च की गई थी। यहां फव्वारे लगाने के नौ वर्ष बाद भी उन्हें शुरू नहीं किया गया है। जिससे सरकारी धनराशि खर्च किए जाने के बावजूद भी आम जनता को उसका लाभ नहीं मिल रहा है। इसी प्रकार यह उद्यान आवारा पशुओं की शरणस्थली बना हुआ है, यहां कचरा जमा पड़ा है। दूसरी तरफ देखरेख व रख रखाव के अभाव में उद्यान की दीवारें उद्घाटन व उपयोग से पूर्व ही क्षतिग्रस्त होने लगी है। यहां आई दरारों के कारण इसका सौंदर्य बिगडऩे लगा है। यही नहीं यहां बैठने के लिए लगाई गई पत्थर बैंचे भी टूटकर बिखरने लगी है।
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