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संसार की सबसे भीषण थी भारत विभाजन की विभीषिका : शर्मा

सूबे के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि संसार में सबसे भीषण त्रासदियों में भारत विभाजन की विभीषिका शामिल है।

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सूबे के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि संसार में सबसे भीषण त्रासदियों में भारत विभाजन की विभीषिका शामिल है। 15 अगस्त, 1947 को एक तरफ देश आजादी का जश्न मना रहा था, उससे एक दिन पहले 14 तारीख को लाखों लोगों ने विभाजन की असहनीय पीड़ाएं झेली हैं। जैसलमेर के उत्कर्ष जैन भवन में बुधवार को आयोजित विभाजन विभीषिका दिवस के अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने उपस्थित पाक विस्थापितों को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार उन्हें बसने की हरसंभव सुविधाएं प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है। विस्थापितों को रहने के लिए मकान बना कर दिए जाएंगे। उनके बच्चों की शिक्षा का पुख्ता बंदोबस्त किया जाएगा और आने वाले समय में उन्हें सरकारी नौकरियों में भी लिया जाएगा। शर्मा ने केंद्र सरकार के सीएए कानून पर बोलते हुए कहा कि यह कानून किसी की नागरिकता छीनने का कानून नहीं है बल्कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान आदि में अत्याचारों के शिकार हिंदुओं, जैनों, बौद्धों, सिखों आदि को नागरिकता प्रदान करने का कानून है। मुख्यमंत्री ने इस कानून के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की। शर्मा ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को यह स्मरण करना चाहिए कि विभाजन की विभीषिका के दौरान लाखों लोगों ने कितना कुछ सहन किया। ऐसे हालात क्यों बने कि पाकिस्तान में हिंदू आबादी एकदम सिमट गई और अफगानिस्तान में सिख व जैन आदि धर्मों को मानने वाले कहां चले गए? इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया कि सीमावर्ती जैसलमेर जिले के तीव्र विकास में राजस्थान सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

सुनी करुण कहानियां

इस अवसर पर मुख्यमंत्री सहित मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों ने विस्थापन का दर्द झेलने वाले लोगों की दर्द भरी आपबीती सुनी। खादी कार्यकर्ता मदनलाल भूतड़ा, पूर्व पार्षद नाथूराम भील, शंकरसिंह राजपुरोहित और गोरधनराम सूंडिया ने 1947 के विभाजन और उसके बाद 1965 व 1971 के भारत पाकिस्तान युद्धों के बाद के हालातों में हिंदुओं पर पाकिस्तान में हुए अत्याचारों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि किस तरह के हालात से गुजरने के बाद वे सभी लोग अपने परिवारजनों के साथ भारत भूमि पर आए। यह दास्तानें सुनाते समय सभी की आवाजें भर्रा गई और पूरा माहौल संजीदा हो गया। मुख्यमंत्री गौर से सबकी बातें सुनते रहे। इस मौके पर मुख्यमंत्री से जैसलमेर में बैठे पाक विस्थापितों को जीवन यापन के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने का अनुरोध किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।

ये रहे उपस्थित

कार्यक्रम के अवसर पर उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी, पोकरण विधायक महंत प्रतापपुरी, भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश सारदा, जैसलमेर नगरपरिषद सभापति हरिवल्लभ कल्ला, भाजपा पदाधिकारी आईदानसिंह भाटी, महेंद्र बोहरा, मुकेश दाधीच आदि मंचासीन थे। सम्बोधन समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री कई संगठनों के प्रतिनिधियों व अन्य लोगों से मिले और उनके ज्ञापन लिए। शुरुआत में सभापति कल्ला ने मुख्यमंत्री का साफा पहना कर स्वागत किया वहीं जिलाध्यक्ष सारदा ने उन्हें शॉल ओढ़ाई। भाजपा कार्यकर्ताओं ने विशाल फूलमाला पहना कर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए।