scriptJaisalmer News- साल के अंतिम सूर्य को करेंगे विदा, न्यू ईयर के अभिनन्दन को जुटने लगे सैलानी | The last sun will go to the festoon the celebration of new year 2018 | Patrika News

Jaisalmer News- साल के अंतिम सूर्य को करेंगे विदा, न्यू ईयर के अभिनन्दन को जुटने लगे सैलानी

locationजैसलमेरPublished: Dec 26, 2017 10:02:54 am

Submitted by:

jitendra changani

‘नो-रूम’ के हालात में सा’ब की मेजबानी से हैरान -अधिकारियों से लेकर उनके रिश्तेदारों के लिए व्यवस्थाएं करना ‘टफ टास्क’ -शहर के होटलों व रिसोर्टï्स में

Jaisalmer patrika

patrika news

जैसलमेर . स्वर्णनगरी में सैलानियों के भारी प्रवाह के चलते एक तरफशहर के होटलों तथा सम के रिसोट्र्स में 31 दिसम्बर तक ‘नो-रूम’ के हालात हैं, ऐसे में विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी खुद सपरिवार यहां घूमने आ रहे हैं या फिर अपने रिश्तेदारों को भेज रहे हैं। उनके लिए यहां ठहरने-घूमने की व्यवस्था करना संबंधित विभागों के स्थानीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। होटल एवं रिसोर्ट के अलावा इन दिनों किराए पर वाहन उपलब्ध करवाना भी स्थानीय प्रतिनिधियों के लिए आसान नहीं है। दूसरी ओर, व्यवस्था नहीं होने पर उच्चाधिकारियों के नाराज होने का भय भी रहता है।
अचानक बताया जाता है कार्यक्रम
जानकारी के अनुसार उच्चाधिकारी अपने जैसलमेर भ्रमण पर आने की जानकारी यहां के मातहतों को अचानक देते हैं। महज एक दिन पहले कार्यक्रम की जानकारी मिलने के बाद उनके लिए यहां कमरे अथवा सम के टेंट आदि की व्यवस्था करना या जुगाड़ बैठाना इस सर्दी के मौसम में भी उन्हें पसीने से तरबतर कर रहा है।नाम नहीं छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि अगर समय रहते कार्यक्रम की जानकारी मिल जाए तो प्री-बुकिंग करवाई जा सकती है, लेकिन ऐन वक्त पर पैसा चुकाने के बावजूद व्यवस्था करना बेहद मुश्किल काम साबित हो रहा है।
निकाल लेते हैं ‘काम’
सर्दी की छुट्टियों में परिवार को घूमाने के लिए जैसलमेर लेकर आने वाले अधिकारी कई बार कोई न कोई कार्यालयी काम निकाल लेते हैं। इसके साथ ही वे जैसलमेर पहुंच जाते हैं। औपचारिकता का निर्वहन करते हुए एकाध घंटा सरकारी काम को दे देते हैं और फिर उनका असल एजेंडा मातहतों के सामने होता है।
शहर-सम और तनोट
जैसलमेर भ्रमण पर आने वाले सा’ब लोग अमूमन त्रिस्तरीय कार्यक्रम तय करते हैं। वे एक दिन स्वर्णनगरी के भ्रमण में लगाते हैं, दूसरा दिन सम के धोरों पर घूमने और वहां रुकने में बिताते हैं तो अगला दिन सीमावर्ती क्षेत्र में आए तनोटराय देवी के दर्शन के लिए रखते हैं।जानकारी के अनुसार तनोटराय के दर्शन करने के प्रति इन दिनों अधिकांश आगंतुक बेहद रुचि दर्शाते हैं। चमत्कारी देवी तथा सीमा सुरक्षा बल की देखरेख, जैसे तथ्य तनोटराय के प्रति गहरा आकर्षण जगाए हुए हैं। तीन दिनों के लिए किराए पर वाहन की व्यवस्था करना भी आसान नहीं है क्योंकि बम्पर सीजन के दौरान उनके बढ़े हुए दाम कौन चुकाए, यह समस्या उठ खड़ी होती है।वैसे हाथोहाथ कई बार वाहन मिलता भी नहीं है।
‘बेगार’ बनती है मुसीबत
-स्थानीय पर्यटनव्यवसायियों के लिए क्रिसमस और न्यू ईयर सेलिब्रेशन के बूम वाले मौके पर अधिकारियों के लिए ‘कॉम्पलीमेंटरी’ में कमरे मुहैया करवाना सीधे नुकसान की तरह होता है।
-इसके बावजूद उन्हें मन मसोसकर ‘कुछप्रभावशाली’ महकमों की ओर से आने वाली ‘बेगार’ को स्वीकार करनी ही होता है।
-एक व्यवसायी ने बताया कि पहले मरु महोत्सव के दौरान यह समस्या सामने आती थी और अब दिसम्बर माह की 20 से 31 तारीख के मध्य इसे झेलना होता है।
Jaisalmer patrika
IMAGE CREDIT: patrika

ट्रेंडिंग वीडियो