जैसलमेर

JAISALMER NEWS- खाकी के ये सिपाही डंडे का रौब छोड़, थामेंगे चोक ग्रीनबोर्ड पर पढ़ाएंगे क,ख,ग…

-100 पुलिसकर्मी नौकरी की जगह शिक्षक बनने की तैयारी में

जैसलमेरMar 07, 2018 / 11:55 am

jitendra changani

Patrika news

मानसिक तनाव से मुक्त होकर सरकारी नौकरी की तैयारी में युवा
जैसलमेर. न तो खाकी की वर्दी का रुतबा, न ही डंडे का रौब और न ही अपराधियों में पुलिसिया खौफ का गुरुर..। कई बार तनाव व जि मेदारी के बोझ के बीच नौकरी व परिवार के बीच सामंजस्य बिठा पाना हर किसी के लिए सं ाव नहीं हो पाता। ऐसा ही यहां भी देखने को मिल रहा है।
सरहदी जैसलमेर जिले से करीब 100 पुलिसकर्मी पुलिस की नौकरी की जगह शिक्षक बनने का वाब संजोए हुए है। सरकारी नौकरी में रहते हुए शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर इस बार कई पुलिसकर्मियों को काफी समय मिल गया तो उन्होंने उत्साह के साथ परीक्षा भी दी। परीक्षार्थियों में महिला परीक्षार्थी भी शामिल हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस सेवा में भर्ती कई कार्मिक तनाव को छोडकऱ शांति व सुकून का जीवन निर्वाह करने में अधिक रुचि दिखा रहे हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अब तक करीब 100 पुलिसकर्मियों ने विभागीय स्वीकृति से हाल ही में शिक्षक भर्ती के लिए हुई परीक्षा में भागीदारी की। सूत्र यह भी बताते हैं कि पूर्व में आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा में कई कार्मिक आधी-अधूरी तैयारी होने के कारण शामिल नहीं हुए, लेकिन इस बार अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) के लिए पर्याप्त समय मिलने के कारण तैयारी कर शिक्षक बनने का सपना पूरा करने को लेकर युवा पुलिसकर्मी प्रतिबद्ध नजर आए। विभागीय अनुमति के बाद वे इस परीक्षा में शामिल हुए। जो युवा हाल ही में पुलिस सेवा में आए हैं। उनकी सोच बिना मानसिक तनाव वाली सरकारी नौकरी करने की है। ऐसे में वे कनिष्ठ लिपिक परीक्षा में जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं, ताकि वे सरकारी बाबू बन जाएं।

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11 फरवरी को हुई थी परीक्षा
-माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से गत 11 फरवरी को शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) आयोजित।
-कुल 6331 में से 5350 अ यर्थियों ने दो चरणों में आयोजित परीक्षा में भाग लिया, वहीं 981 अनुपस्थित रहे।
-जिला मु यालय पर आयोजित परीक्षा में 84.5 फीसदी ने सरकारी शिक्षक बनने के लिए भाग्य आजमाया।
ये बताए जा रहे कारण
-विभागीय कार्यों के साथ-साथ पुलिस कार्मिकों को कराना पड़ता है परिवहन, वन विभाग और आबाकारी विभाग के प्रकरणों में भी सहयोग।
-अवकाश लेने के लिए अन्य सेवाओं की तुलना में झेलनी पड़ती है परेशानी।
-शिक्षक को शीतलकालीन, ग्रीष्मकालीन, दीपावली व अन्य अवसरों सहित रविवार को अवकाश की सुविधा
-विद्यालय में हर दिन कुछ घंटों तक कार्य निर्धारित
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