लाइट गई तो ‘गई’
सम क्षेत्र में जीएसएस से संबंधित कोई ‘फॉल्ट’ आ जाए तो फिर बिजली आपूर्ति बहाल होने में कई घंटे तक लग जाते हैं। सायंकाल या रात्रि में अगर फॉल्ट आ जाए तो अगले दिन उसके सुधार की गुंजाइश नहीं के बराबर रहती है। इसका कारण यह है कि सम जीएसएस पर कार्यरत सभी 5-6 कार्मिक वहां से नदारद हो जाते हैं। सम ग्राम पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि सलीम ने बताया कि बीते शुक्रवार को सम सेंडड्यून्स क्षेत्र में बिजली आपूर्ति ठप हो गई, संबंधित डीपी से वायर जोडऩे जितने छोटे कार्य के लिए भी जीएसएस में कोई कार्मिक नहीं मिला। रिसोर्ट व्यवसायी भैरोसिंह के अनुसार वे तीन घंटे तक कनिष्ठ, सहायक और अधिशासी अभियंता तक को फोन करते रहे। उनकी ओर से प्रयास किए जाने के बावजूद कार्मिक गड़बड़ी दूर करने नहीं पहुंचा।
सम क्षेत्र में जीएसएस से संबंधित कोई ‘फॉल्ट’ आ जाए तो फिर बिजली आपूर्ति बहाल होने में कई घंटे तक लग जाते हैं। सायंकाल या रात्रि में अगर फॉल्ट आ जाए तो अगले दिन उसके सुधार की गुंजाइश नहीं के बराबर रहती है। इसका कारण यह है कि सम जीएसएस पर कार्यरत सभी 5-6 कार्मिक वहां से नदारद हो जाते हैं। सम ग्राम पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि सलीम ने बताया कि बीते शुक्रवार को सम सेंडड्यून्स क्षेत्र में बिजली आपूर्ति ठप हो गई, संबंधित डीपी से वायर जोडऩे जितने छोटे कार्य के लिए भी जीएसएस में कोई कार्मिक नहीं मिला। रिसोर्ट व्यवसायी भैरोसिंह के अनुसार वे तीन घंटे तक कनिष्ठ, सहायक और अधिशासी अभियंता तक को फोन करते रहे। उनकी ओर से प्रयास किए जाने के बावजूद कार्मिक गड़बड़ी दूर करने नहीं पहुंचा।
‘अघोषित’कटौती से परेशानी
सम सेंडड्यून्स पर वर्तमान में 60 से अधिक रिसोर्ट व कैम्प संचालित हो रहे हैं। जहां प्रति रात्रि कोई पांच हजार से अधिक सैलानी पहुंचते हैं और डेढ़-दो हजार लोग रात्रि विश्राम करते हैं। इन स्थानों पर घोषित के अलावा कई घंटों की अघोषित बिजली कटौती की वजह से रिसोर्ट व कैम्प संचालकों को विवश होकर हजारों रुपए का डीजल जला लाइट की व्यवस्था करनी पड़ती है। अघोषित बिजली कटौती का यह सिलसिला पिछले लम्बे अर्से से चला आ रहा है।
सुधारी जाए व्यवस्था
सम जीएसएस पर कार्यरत कार्मिकों के लापरवाही से भरे रवैए की वजह से ग्रामीणों को भारी परेशानियां पेश आती हैं। शाम के बाद जीएसएस पर कोई कार्मिक नजर नहीं आता। अधिकारियों को अवगत करवाए जाने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो रहा।
-सलीम, सरपंच प्रतिनिधि
नया जीएसएस बनाया जाए
सम जीएसएस से संबद्ध होने के कारण सेंडड्यून्स क्षेत्र में रिसोर्ट व्यवसायियों के साथ सैलानियों को भी असुविधाएं होती हैं। इस व्यवस्था में सुधार के लिए सेंडड्यून्स पर अलग से जीएसएस की स्थापना की जानी चाहिए।
-कैलाश व्यास, अध्यक्ष, सम रिसोर्ट एंड कैम्प वेलफेयर सोसायटी
सम सेंडड्यून्स पर वर्तमान में 60 से अधिक रिसोर्ट व कैम्प संचालित हो रहे हैं। जहां प्रति रात्रि कोई पांच हजार से अधिक सैलानी पहुंचते हैं और डेढ़-दो हजार लोग रात्रि विश्राम करते हैं। इन स्थानों पर घोषित के अलावा कई घंटों की अघोषित बिजली कटौती की वजह से रिसोर्ट व कैम्प संचालकों को विवश होकर हजारों रुपए का डीजल जला लाइट की व्यवस्था करनी पड़ती है। अघोषित बिजली कटौती का यह सिलसिला पिछले लम्बे अर्से से चला आ रहा है।
सुधारी जाए व्यवस्था
सम जीएसएस पर कार्यरत कार्मिकों के लापरवाही से भरे रवैए की वजह से ग्रामीणों को भारी परेशानियां पेश आती हैं। शाम के बाद जीएसएस पर कोई कार्मिक नजर नहीं आता। अधिकारियों को अवगत करवाए जाने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो रहा।
-सलीम, सरपंच प्रतिनिधि
नया जीएसएस बनाया जाए
सम जीएसएस से संबद्ध होने के कारण सेंडड्यून्स क्षेत्र में रिसोर्ट व्यवसायियों के साथ सैलानियों को भी असुविधाएं होती हैं। इस व्यवस्था में सुधार के लिए सेंडड्यून्स पर अलग से जीएसएस की स्थापना की जानी चाहिए।
-कैलाश व्यास, अध्यक्ष, सम रिसोर्ट एंड कैम्प वेलफेयर सोसायटी