जैसलमेर में थमने का नाम नहीं ले रही अनियमित विद्युत आपूर्ति की समस्या
पवन और सौर ऊर्जा के माध्यम से हजारों मेगावाट बिजली का उत्पादन करने वाले जैसलमेर जिले के मुख्यालय पर ही चिराग तले अंधेरे वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।
पवन और सौर ऊर्जा के माध्यम से हजारों मेगावाट बिजली का उत्पादन करने वाले जैसलमेर जिले के मुख्यालय पर ही चिराग तले अंधेरे वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। पिछले लम्बे अर्से से शहर में किसी न किसी कारण या फॉल्ट की वजह से आए दिन बिजली गुल रहती है और यह लम्बी अवधि की अघोषित कटौती आम उपभोक्ताओं को हैरान-परेशान किए हुए है। गर्मी के मौसम में विद्युत भार में बढ़ोतरी को तकनीकी गड़बडिय़ों का प्रमुख कारण बताया जाता था लेकिन अब जबकि मौसम काफी हद तक परिवर्तित हो चुका है और विद्युत लाइनों पर अप्रेल से लेकर जून-जुलाई तक की गर्मी जैसा भार भी नहीं है। उसके बावजूद जीएसएस, लाइनों अथवा ट्रांसफार्मर्स आदि में फॉल्ट आने की बात समझ से बाहर है। हालत यह है कि शहरी उपभोक्ता सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अपने-अपने इलाकों में बिजली कटौती की शिकायत-दर-शिकायत करते रहते हैं और उनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। दो दिन पहले डेडानसर जीएसएस पर आए फॉल्ट की वजह से उससे जुड़े हजारों उपभोक्ताओं को कई घंटों की कटौती का सामना करना पड़ा था। शुक्रवार को भी हालात जुदा नहीं रहे और शाम के समय गोपा चौक, जिंदानी चौकी, कंधारी पाड़ा, मदरसा रोड, ढिब्बा पाड़ा, दुर्ग के कोटड़ी पाड़ा सहित गांधी कॉलोनी के कई हिस्सों में दो से तीन घंटे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रही। जानकारी के अनुसार इससे पहले दिन में भाटिया मुक्तिधाम के पास इलाके में तीन घंटे से ज्यादा समय तक लोग बिजली आपूर्ति के लिए तरसते रहे।
हाल हो रहे बेहाल
- बिजली गुल रहने से न केवल घरों में परेशानी हो रही है, बल्कि पेयजल आपूर्ति भी कई बार बाधित हो जाती है। हाल में दिवाली पर्व से पहले डिस्कॉम ने लाइनों की मेंटिनेंस के नाम पर कई-कई घंटों की घोषित बिजली कटौती की थी और हालत यह हुई कि कई इलाकों में धनतेरस से लेकर दिवाली के दिन तक विद्युत आपूर्ति में व्यवधान पेश आए।
- उसके बाद से तो समस्या और विकट हो ही रही है। स्थानीय उपभोक्ताओं का कहना है कि इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला जा रहा है।
- जैसलमेर में इन दिनों पर्यटन सीजन चरम पर है और प्रतिदिन हजारों की संख्या में देशी-विदेशी सैलानी यहां घूमने के लिए पहुंच रहे हैं। विद्युत व्यवधान की वजह से होटल्स-रेस्टोरेंट्स और अन्य दुकानों के संचालक परेशानियों में घिर जाते हैं।
- ऐसे ही कई ऐसे काम-धंधे हैं जो बिजली पर आधारित हैं और बिजली गुल होते ही उनका कामकाज ठप हो जाता है। जैसलमेर शहर में पिछले करीब डेढ़-दो वर्ष से जब-तब बिजली गुल होने की समस्या विकट बनी हुई है।
- हर बार साप्ताहिक समीक्षात्मक बैठकों में जिला प्रशासन की ओर से अनवरत विद्युत आपूर्ति को लेकर हिदायतें डिस्कॉम के जिम्मेदारों को दी जाती है लेकिन इसका असर अब तक तो प्रभावी ढंग से नजर नहीं आ रहा है।
उपभोक्ता उठा रहे सवाल
जैसलमेर शहर में सभी श्रेणियों में विद्युत के करीब 20 हजार से ज्यादा कनेक्शन हैं। इन उपभोक्ताओं की तरफ से एक ही सवाल बार-बार उठाया जाता है कि जब जैसलमेर जिला राजस्थान से लेकर देशभर में गैरपारम्परिक स्रोतों से विद्युत उत्पादन में अपना अहम स्थान रखता है तो उन्हें पूरी गुणवत्ता के साथ निर्बाध आपूर्ति क्यों नहीं की जा रही है? जिम्मेदार इसके लिए शहर में एक और उससे भी अधिक नए जीएसएस की स्थापना की जरूरत बताते हैं। हालांकि विगत वर्षों से इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है।
तत्परता से करवाएंगे समाधान
गर्मी का मौसम बीत गया है, ऐसे में अब विद्युत भार जैसी स्थिति नहीं है। फिर भी विद्युत आपूर्ति में अनियमितता है तो इसकी जानकारी अधिनस्थ अभियंताओं से लेकर व्यवस्था को तत्परता से सुचारू करवाने का प्रयास करेंगे। - उम्मेदाराम गोदारा, अधीक्षण अभियंता, डिस्कॉम जैसलमेर
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