शहर से लेकर गांवों में हुआ व्यापक नुकसान
जैसलमेर. सीमापार से बुधवार को मध्यरात्रि करीब 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आए रेतीले तूफान ने जैसलमेर शहर के साथ ग्रामीण अंचलों को एकबारगी दहला दिया। इस तूफान ने जनजीवन को अस्त व्यस्त ही नहीं किया बल्कि लोगों को बुरी तरह से भयाक्रांत भी कर दिया। जैसलमेर शहर सहित समूचे जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र में इस तूफान का खास असर देखा गया और विद्युत आपूर्ति तंत्र पूरी तरह से लडखड़़ा गया। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर 497 विद्युत पोल धराशायी हो गए और 100 केवी के एक ट्रांसफार्मर के साथ 11 ट्रांसफार्मर भी जमींदोज होकर बिखर गए। डिस्कॉम को इस रेतीले तूफान ने करीब 31 लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान किया है। जिलेभर में हजारों की तादाद में पेड़-पौधे आदि वनस्पतियां भी धूल धुसरित हुए हैं। इस सबके अलावा जैसलमेर के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग की हवा प्रोल के पुराने छज्जे के टूटने से आधी रात को पत्थर जमीन पर गिरे। गनीमत यह रही कि उस समय वहां कोई व्यक्ति नहीं था, जिससे किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। ऐसे ही सैकड़ों की तादाद में हॉर्डिंग्स-टिन छप्पर आदि उड़ गए।
जैसलमेर. सीमापार से बुधवार को मध्यरात्रि करीब 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आए रेतीले तूफान ने जैसलमेर शहर के साथ ग्रामीण अंचलों को एकबारगी दहला दिया। इस तूफान ने जनजीवन को अस्त व्यस्त ही नहीं किया बल्कि लोगों को बुरी तरह से भयाक्रांत भी कर दिया। जैसलमेर शहर सहित समूचे जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र में इस तूफान का खास असर देखा गया और विद्युत आपूर्ति तंत्र पूरी तरह से लडखड़़ा गया। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर 497 विद्युत पोल धराशायी हो गए और 100 केवी के एक ट्रांसफार्मर के साथ 11 ट्रांसफार्मर भी जमींदोज होकर बिखर गए। डिस्कॉम को इस रेतीले तूफान ने करीब 31 लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान किया है। जिलेभर में हजारों की तादाद में पेड़-पौधे आदि वनस्पतियां भी धूल धुसरित हुए हैं। इस सबके अलावा जैसलमेर के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग की हवा प्रोल के पुराने छज्जे के टूटने से आधी रात को पत्थर जमीन पर गिरे। गनीमत यह रही कि उस समय वहां कोई व्यक्ति नहीं था, जिससे किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। ऐसे ही सैकड़ों की तादाद में हॉर्डिंग्स-टिन छप्पर आदि उड़ गए।