-सूर्य देव के कुपित होने से सूनी हुई किले की घाटियां, रास नहीं गर्मी, 80 प्रतिशत पर्यटक घटे
– गर्मी बढऩे के साथ ही दिखने लगा असर
– पर्यटकों की आवक घटी, व्यवसाय पर दिखने लगा असर
जैसलमेर पत्रिका .
सूर्यदेव का पारा चढऩे के साथ ही जैसाणे में इसका असर दिखना शुरू हो गया है। शहर सहित अन्य पर्यटक स्थल जो सर्दियों में गुलजार रहते हैं वहां इन दिनों सन्नाटा पसरा नजर आ रहा है। दोपहर में शहर की सडक़ें भी करीब सूनी ही रहती है। मौसम बदलने के साथ ही जहां सैलानियों ने रुख बदल दिया, पर्यटन सहित अन्य व्यवसाय भी मंदी की जकड़ में आ गए हैं। वहीं गर्मी से जुड़ा व्यापार- ज्यूस-आइस्क्रीम, कूलर-पंखों की दुकानों पर चहल-पहल है। दोपहर में लोगों के लिए घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है।
सीजन के दौरान जैसाणे का जादू देशी-विदेशी मेहमानों के सिर चढकऱ बोलता है। यहां विशेष मौकों के दौरान 10 से 25 हजार तक सैलानी एक दिन में पहुंचते हैं। वहीं इन दिनों बड़ी मुश्किल से 10 हजार सैलानी पूरे महिने में पहुंच पाते हैं।
पर्यटन व्यवसाय पर असर
मौसम बदलने के साथ ही पर्यटन व्यवसाय भी मंदा हो गया। इससे जुड़े कई लोग दूसरे
काम में लग गए हैं। इन दिनों हैंडीक्राफ्ट व अन्य दुकानों पर भीड़ नहीं दिख रही। सम सैंडड्यून्स पर भी रौनक कम ही नजर आती है। कई रिसोर्ट संचालकों ने अपना काम-काज समेट लिया है। बाजार में शीतल पेय व आईस्क्रीम की दुकानों पर काफी भीड़ देखने को मिल रही है। वहीं कूूलर, पंखों व एसी की खरीदारी भी बढ़ी है। दोपहर का समय लोग इसी के सहारे गुजारने को मजबूर हैं।