Video: आतिशबाजी के साथ सम के धोरों पर जग विख्यात मरु महोत्सव का समापन
चांद तले मखमली धोरों पर बहा संगीत के रंगों का दरिया
जैसलमेर
Published: February 17, 2022 05:40:47 pm
जैसलमेर. फरवरी महीने के तीसरे सप्ताह की सर्द शाम में दूर-दूर तक पसरी हुई रेत के धोरे से टकराकर संगीत व संस्कृति के रंगों व रसों के दरिया उफनते रहे। सैलानियों के हुजूम के बीच धोरे रंगीन हो उठें और फिजाओं में लोक संस्कृति की अनूठी गंध फैल गई। चार दिवसीय मरु महोत्सव के समापन अवसर पर बुधवार को आकर्षक कार्यक्रमों ने चारों ओर लोक मंगल का जबरदस्त उत्साह व उल्लास बिखेरा और लगा जैसे माघ पूनम की सांझ को समूची दुनिया सम का आनन्द लेने में मस्त हो। जैसलमेर से 45 किमी दूर रेत के मखमली व लहरदार धोरों के बीच धरती से मिलन को आतुर सूरज के अस्तांचल पर पहुंचने से ज्योंही आसमान में क्षितिज पटल पर लालिमा छाई, त्यों ही रेतीले सागर में धवल चांदनी बिखेरकर शशि ने अपनी उपस्थिति का अहसास कराया। माघ शुक्ल पूर्णिमा को प्रकृति के इस अनूठे नजारे के बीच वाद्य यंत्रों की संगत पर लोक कलाकारों ने ऐसा समां बांधा की यह सर्द शाम वहां मौजूद हजारों लोगों के दिलों की गहराइयों में उतरकर मन को तरंगित करने लगी।
हजारों दर्शकों की साक्षी में सांस्कृतिक संध्या में चार चांद लग गए। सम में आयोजित प्रतियोगिता के बीच आकर्षक लोक कलाकारों के गीतों एवं लोक नृत्यों ने दर्शकों को मोहित सा कर दिया। सम के लहरदार रेतीले हजारों दर्शकों आवागमन से रंग बिरंगा सा दिखाई देने लगा।
सेलिब्रिटी नाइट में जन समूह ने मिलाए सुर से सुर
सेलिब्रिटी नाइट में गायक जोवद अली ने रात 9 बजे अपनी प्रस्तुति देनी शुरू की। उन्होंने पहला गीत गजनी फिल्म का तू मेरी अधूरी प्यास पेश किया। उन्होंने कहा इतने बाद इतनी भीड़ देखने को मिली। इसके बाद उन्हें जश्ने बहारे, बजरंगी भाईजान का तू जो मिला तो हो गया मैं कामिल सहित कई गीत अपने और दूसरे गायकों के पैरोडी के तौर पर सुनाए। साथ ही धोरों पर मौजूद हजारों श्रोता भी उनके साथ गुनगुनाते रहे।

Video: आतिशबाजी के साथ सम के धोरों पर जग विख्यात मरु महोत्सव का समापन
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