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जैसलमेर

नगरपरिषद प्रशासन सभी भूखंडों की जांचेगा ‘सुप्रीम पोजीशन’

-होगी जांच कि हड़बड़ी में हुई गड़बड़ी या फिर नियमानुसार आवंटन- जवाहर कॉलोनी को लेकर तहसीलदार के पत्र ने बढ़ाई भूखंडधारकों की धडकऩें

जैसलमेरAug 05, 2023 / 06:39 pm

Deepak Vyas

नगरपरिषद प्रशासन सभी भूखंडों की जांचेगा ‘सुप्रीम पोजीशन’

नगरपरिषद प्रशासन सभी भूखंडों की जांचेगा ‘सुप्रीम पोजीशन’

जैसलमेर. जैसलमेर नगरपरिषद की ओर से करीब 10 साल पहले आवंटित जवाहर आवासीय योजना में आगोर का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। एक शिकायत के आधार पर तहसीलदार जैसलमेर ने जवाहर कॉलोनी के कुछ खसरों में नगरपरिषद की ओर से आवंटित भूखंडों पर सवालिया निशान लगाते हुए पटवारी की तथ्यात्मक रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि वे डेडानसर तालाब के आगोर क्षेत्र में आते हैं, लिहाजा उन्हें निरस्त किया जाए। यह भी कि उस स्थान पर जो निर्माण कार्य हुए हैं, उन्हें ध्वस्त किया जाए। तहसीलदार की ओर से नगरपरिषद आयुक्त को पिछले दिनों लिखे गए इस आशय के पत्र के मिलने के बाद नगरपरिषद में हलचल देखी जा रही है। अब नगरपरिषद सारे चर्चा में आए खसरों की सुप्रीम पोजीशन करवाकर एक-एक भूखंड का पता लगाएगी, कि वे आगोर क्षेत्र में आते हैं या नहीं। परिषद प्रशासन इस कवायद के बाद तहसीलदार को जवाब देने के साथ अग्रिम कार्रवाई करेगी। दूसरी तरफ जिन लोगों के भूखंडों पर तहसीलदार के पत्र में सवालिया निशान लगाया गया है, उनमें चिंता व्याप्त हो गई है। विशेषकर जिन लोगों ने निर्माण कार्य तक करवा लिए, उनके तो चेहरों की हवाइयां उड़ गई हैं। गौरतलब है कि तहसीलदार के पत्र में जिन भूखंडों को आगोर क्षेत्र में माना गया है, उनमें एक पर करोड़ों रुपए खर्च कर एक निजी अस्पताल का निर्माण करवाया जा रहा है। अस्पताल का निर्माण करवाने वालों ने पहले महंगे भाव में भूखंड खरीदा और फिर स्वायत्त शासन विभाग, जयपुर से भू रूपांतरण करवाया हुआ है।
1097 भूखंडों का आवंटन
-जैसलमेर नगरपरिषद की तरफ से करीब 10 साल पहले जवाहर आवासीय योजना के तहत 1097 लोगों को लॉटरी के जरिए भूखंड आवंटित किए थे।
-उस समय भी इस कॉलोनी में डेडानसर तालाब के आगोर क्षेत्र का मसला उठा था और मामला कोर्ट तक पहुंचा था। -तब परिषद की तरफ से कॉलोनी का रिवाइज नक्शा कोर्ट में पेश किया गया था।
-बताया जाता है कि परिषद प्रशासन ने उस रिवाइज नक्शे में आगोर क्षेत्र दर्शाते हुए लगभग 250 भूखंडों का आवंटन नहीं किया था।
-तब नगरपरिषद ने नक्शे में जिस लाइन तक के क्षेत्र को आगोर में माना था, उससे बाहर के भूखंडों को भी आगोर क्षेत्र में बताते हुए प्रशासन तक शिकायत पहुंचाई गई है। -कार्रवाई करते हुए जैसलमेर तहसीलदार ने पटवारी से क्षेत्र के खसरा संख्या 36 व 45 की तथ्यात्मक रिपोर्ट करवाकर नगरपरिषद आयुक्त को पत्र लिखा है।
-जानकारी के अनुसार खसरा संख्या 45 से लगते 36 में 7 मकान व एक निजी अस्पताल बन गया है।
-पटवारी की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार जवाहर कॉलोनी के खसरा 36 व 45 को डेडानसर तालाब का आगोर क्षेत्र है।
-बताया गया है कि खसरा संख्या 36 में 104.05 बीघा तथा खसरा 45 में 70.09 बीघा आगोर क्षेत्र है।

जांचा जाएगा नक्शा- एक-एक भूखंड की होगी जांच
जैसलमेर तहसीलदार की ओर से लिखे गए पत्र में जवाहर कॉलोनी में आगोर का मुद्दा उठाया गया है। इस संबंध में पूरे खसरों की सुप्रीम पोजीशन ज्ञात की जा रही है। पूरे क्षेत्र का नक्शा इस आधार पर जांचा जाएगा और एक-एक भूखंड का पता लगाया जाएगा कि, कौनसा आगोर क्षेत्र में आता है और कौनसा नहीं। इसमें कुछ दिनों का समय लगेगा। इस जांच में अगर कोई आवंटनसुदा भूखंड आगोर क्षेत्र में आएगा, तो उसे निरस्त किया जाएगा। जिन भूखंडों पर निर्माण कार्य हो चुका है, उनके संबंध में नियमों का पता लगाकर आगे कदम बढ़ाया जाएगा।
– लजपाल सिंह सोढ़ा, आयुक्त, नगरपरिषद जैसलमेर

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