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Video: ये पंचायत है शहर के पास, फिर भी यहां बेटियां उदास

locationजैसलमेरPublished: Sep 14, 2020 12:45:39 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

आठवीं तक पढने के बाद पढ़ाई छोडऩा बन रही मजबूरी-जिले की पहली पंचायत में बालिका शिक्षा को लेकर उदासीनता का ग्रहण -दसवीं तक स्कूल शुरू करने के आश्वासनों के बावजूद स्थिति जस की तस

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जैसलमेर. इनके भी कुछ सपने हैं और उन्हें पूरा करने की धुन भी है, लेकिन ग्रामीण परिवेश में माध्यमिक शिक्षा का अभाव होने का स्मरण होते ही उनके चेहरों पर निराशा के भाव उभर आते हैं और मन भारी हो जाता है। यह पीड़ा जिले की अमरसागर क्षेत्र की बालिकाओं की है, जिन्हें आठवीं के बाद पढ़ाई छूटने का डर सता रहा है। जिला मुख्यालय से सटी व सबसे पुरानी पंचायतों की फेहरिस्त में शामिल अमरसागर पंचायत की शहर के जितने समीप है, उससे ठीक विपरीत स्थिति यहां उच्च शिक्षा की है। गत 8 अगस्त को जिले के जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक तंत्र को उस समय शर्मसार होना पड़ा था, जब जैसलमेर शहर से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित अमरसागर ग्राम पंचायत में महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने एक कार्यक्रम में मौजूद महिलाओं से पूछा था कि हाथ खड़े करो कि कितनी दसवीं पढ़ी है? इस पर कई महिलाएं एक साथ तपाक से बोलीं, दसवीं तक की स्कूल ही नहीं है। कैसे पढ़ें और बेटियों को कहा पढाएं? इस बात के एक माह निकल जाने के बाद भी शासन-प्रशासन की ओर से कोई कवायद देखने को नहीं मिल रही है। गौरतलब है कि जैसलमेर शहर के सबसे निकट होने केबावजूद शिक्षा के क्षेत्र में यह ग्राम पंचायत पिछाड़ी बनी हुई है। यहां केवल एक आठवीं तक का राजकीय विद्यालय है और वह भी संस्कृत स्कूल। आठवीं के बाद लड़के तो किसी तरह शहर पहुंचकर आगे की पढ़ाई कर लेते हैं, लेकिन अधिकांश लड़कियां पढ़ाई छोडऩे को मजबूर हो जाती हैं। समाजसेवी मेघराज परिहार व ग्रामीण फूलीदेवी बताते हैं कि ग्रामीण बच्चियों को पढ़ाकर आगे बढ़ते देखना चाहते हैं, लेकिन आर्थिक व सुरक्षा कारणों से बच्चियों को शहर भेजकर पढ़ाने में असमर्थ हैं।
यह है जरूरत
सरकारी नीति के अनुसार ग्राम पंचायत स्तर पर उच्च माध्यमिक स्तर का राजकीय विद्यालय होना ही चाहिए। गौरतलब है कि अमरसागर जिले की सबसे पुरानी पंचायत है। सरकारी उदासीनता का दंश झेल रही इस ग्राम पंचायत में बेटियां पढ़ाई छोडऩे को मजबूर है। जानकारों की मानें तो गत दिनों महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने आश्वासन दिया था कि अगली बार जब वे अमरसागर आएंगी तो यहां उच्च माध्यमिक स्कूल होगा। यदि सरकार चाहे तो इस दर्जे की स्कूल खोलने के लिए हाथोहाथ स्वीकृति दी जा सकती है।
वीआइपी पंचायत है अमरसागर
अमरसागर पंचायत जिले की वीआइपी पंचायतों में शुमार है। शहरी सीमा से महज दो किलोमीटर की दूरी होने के साथ-साथ यहां के कलात्मक जैन मंदिर, प्राचीन तालाब और अन्य थातियां गर्व करने लायक है। यहां से पूर्व में दो नेता जैसलमेर के विधायक रह चुके हैं। इसके बावजूद शिक्षा के क्षेत्र में इस गांव की किस्मत नहीं बदल सकी है।
फैक्ट फाइल
– 05 किमी दूर जिला मुख्यालय से
-08वीं तक की शिक्षा के बाद पढ़ाई छोडने को मजबूर बच्चियां
-70 साल की आजादी के बाद हालात में बदलाव नहीं

बच्चियां पढऩा चाहती हैं, लेकिन…
बच्चियां पढना चाहती है। बच्चियों का पढऩे का मन है, लेकिन पढ़ाएं कैसे? सबसे नजदीक पंचायत अमरसागर में बच्चियां उच्च शिक्षा से वंचित है। आठवीं तक स्कूल है, वह भी संस्कृत है। आठवीं के बाद बच्चियां छोडऩे को मजबूर है। आठवीं तक पढऩे के बाद घर पर ही बैठी है। उच्च माध्यमिक विद्यालय शुरू हो तो लड़कियों के साथ लड़कों को भी बड़ी सुविधा मिल सकेगी।
– पूनम मेघराज परिहार, सरपंच, अमरसागर ग्राम पंचायत, जैसलमेर
जल्द ही होगी कार्रवाई
अमरसागर में उच्च माध्यमिक स्तर का विद्यालय नहीं होने का विषय हमारे ध्यान में है। सरकार जब जैसलमेर में थी, तब इस बिंदु पर मंत्रीजी के साथ भी चर्चा हुई थी। हमने अमरसागर का दौरा भी किया था। जल्द से जल्द समाधान निकालने का प्रयास रहेगा।
– आशीष मोदी, जिला कलक्टर, जैसलमेर
आगामी बजट में करवाएंगे घोषणा
अमरसागर में उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालय की घोषणा आगामी मार्च माह में पेश किए जाने वाले बजट में करवाई जाएगी। अधिकांश पंचायत मुख्यालयों पर 12वीं तक के विद्यालय संचालित हो रहे हैं। अमरसागर पूर्व में रह गया था, अब यहां भी यह सुविधा दिलाएंगे।
– रूपाराम धणदे, विधायक जैसलमेर

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