जैसलमेर

JAISALMER NEWS- इस गांव में दो साल से नहीं आ रहा पानी, पेयजल के लिए महिलाएं ऐसे करती है जतन

जलापूर्ति बंद, मटकियों से करनी पड़ती है आपूर्ति

जैसलमेरMar 07, 2018 / 08:01 pm

jitendra changani

Patrika news

बीते दो साल से व्याप्त है पेयजल संकट
फतेहगढ़ उपखंड की ग्राम पंचायत रीवड़ी में स्थित निहाल की ढाणी में गत दो साल से पेयजल आपूर्ति बंद होने से ग्रामीणों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण अमीनखां चानिया ने बताया कि यहां स्थित निहाल की ढाणी में जलदाय विभाग की जीएलआर में गत दो सालों से पेयजल आपूर्ति बंद है। ऐसे में यहां के बाशिंदों को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है। यहां के जीएलआर को रीवड़ी ग्राम पंचायत मुख्यालय स्थित सरकारी नलकूप से जोड़ा हुआ है। लेकिन कई साल पुरानी पाइप लाइन होने के कारण यह जगह-जगह लीकेज हो गई है। इससे बड़ी मात्रा में पानी व्यर्थ बह जाता है तथा यह जीएलआर तक नहीं पहुंच पाता। पानी के अभाव में करीब 30 परिवारों सहित सैकड़ों पशुधन को भटकना पड़ रहा है। कई महिलाएं तीन किमी दूरी स्थित सरकारी नलकूप से मटकियां भरकर लाती हैं। इसको लेकर ग्रामीणों ने कईं बार जनप्रतिनिधियों व जलदाय विभाग के नुमाइंदों को अवगत करवाया, लेकिन दो साल से ग्रामीणों की समस्या पर कोई गौर नहीं कर रहा है। निहाल की ढाणी के ग्रामीणों ने ढाणी में बनी जीएलआर को रीवड़ी गांव में बने सरकारी नलकूप से नईं पाइप लाइन बिछानें की मांग की है।
जलापूर्ति बंद होने से परेशानी
पोकरण क्षेत्र के खेतोलाई में एक माह से जलापूर्ति बंद होने के कारण ग्रामीणों को पेयजल संकट से रूबरू होना पड़ रहा है। खेतोलाई में छह जीएलआर है। यहां लाठी बूस्टिंग स्टेशन से जलापूर्ति की जाती है। गत कुछ दिनों से क्षेत्र में गर्मी का मौसम चल रहा है। जिसके चलते पानी की खपत बढ़ गई है। लाठी से धोलिया व खेतोलाई तक लगाई गई पाइपलाइन में हुए अवैध कनेक्शनों के कारण खेतोलाई में जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। गत एक माह से जलापूर्ति बंद होने के कारण ग्रामीणों को ट्रैक्टर टंकियों से पानी खरीदना पड़ रहा है, तो मवेशी पानी के लिए इधर उधर भटक रहे है।
 
सूखी जीएलआर व पशुखेळी
लाठी क्षेत्र के लोहटा गांव में खेतपाल मन्दिर के पास स्थित जीएलआर व पशु खेळी लम्बे समय से सूखी पड़ी है। वहीं पशुखेळी क्षतिग्रस्त होने के कारण उसमें पानी टिकता ही नहीं। इसकी मरम्मत नहीं कराने से करीब एक साल से पशु खेली खाली पड़ी है। उसमें कचरा भर गया है। पशु भी पानी की आस में दिनभर पशु खेली के आस-पास मंडराते रहते हैं। गांव में पशुधन वाले पशुपालकों को अपने पशुओं की चिंता सता रही है। पशुओं को पानी पिलाना सबसे बड़ी समस्या बन गया है। ग्रामीणों की ओर से अपने स्तर पर प्रयास कर पशुओं को पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
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