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स्वर्णनगरी में पर्यटक तो नजर आ रहे पर ओझल हो गया ‘टेफ’,पर्यटकों को नहीं मिल रही सेवाएं

locationजैसलमेरPublished: Aug 07, 2019 12:48:30 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

जैसलमेर घूमने आने वाले सैलानियों की सहायता और दर्शनीय स्थलों पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी जिस पर्यटक सहायता बल (टेफ) पर है, वह इन दिनों ‘निष्क्रिय’ नजर आता है। कहने को टेफ ने गड़ीसर चौराहा, सोनार दुर्ग और पटवा हवेली क्षेत्र में केबिनें लगाई हुई है, लेकिन गड़ीसर चौराहा को छोडक़र अन्य दर्शनीय स्थानों पर उसके कार्मिकों की मौजूदगी कम ही नजर आती है।

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स्वर्णनगरी में पर्यटक तो नजर आ रहे पर ओझल हो गया ‘टेफ’,पर्यटकों को नहीं मिल रही सेवाएं

जैसलमेर. जैसलमेर घूमने आने वाले सैलानियों की सहायता और दर्शनीय स्थलों पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी जिस पर्यटक सहायता बल (टेफ) पर है, वह इन दिनों ‘निष्क्रिय’ नजर आता है। कहने को टेफ ने गड़ीसर चौराहा, सोनार दुर्ग और पटवा हवेली क्षेत्र में केबिनें लगाई हुई है, लेकिन गड़ीसर चौराहा को छोडक़र अन्य दर्शनीय स्थानों पर उसके कार्मिकों की मौजूदगी कम ही नजर आती है। इसके अलावा हजारों की तादाद में जैसलमेर घूमने आने वाले सैलानियों के मद्देनजर टेफ में शामिल सदस्यों की संख्या भी अत्यंत न्यून है। गौरतलब है कि पर्यटन विभाग ने टेफ में एक सुपरवाइजर और चार सदस्य यानी कुल पांच जनों का दस्ता बनाया हुआ है। स्वर्णनगरी घूमने आने वाले सैलानियों को आवश्यक जानकारी देने और पर्यटन स्थलों के आसपास लपका तत्वों से उन्हें बचाने करने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से तैनात टेफ की उपयोगिता समाप्त प्राय: दिखती है। पर्यटकों की सहायता के लिए लगाई गई केबिनें अधिकांश समय बिना गार्ड के नजर आती है। इन केबिनों में सैलानियों को होने वाली असुविधा या शिकायत को दर्ज भी करवाने की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसा कुछ नहीं होता। शहर में लपके तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। हैंडीक्राफ्ट की दुकानों की ओर से सैलानियों को प्रतिष्ठान तक लाने के लिए ‘कन्वेंसर’ रखे जाते हैं। वे लोग घूमते हुए पर्यटकों को परेशान करते हैं। टेफ उन पर नियंत्रण नहीं कर पा रहा और न ही बिना लाइसेंस तथा बिना अनुभव के गाइडिंग करने वालों को ही रोक पा रहा। जानकारी के अनुसार टेफ में काम करने वालों को वेतन कम मिलता है। जिसके कारण पूर्व सैनिक इस तरफ ज्यादा रुझान नहीं दिखाते।
इधर, लपकों की धरपकड़ के लिए बिछाया जाल
जोधपुर और बाड़मेर तथा सम मार्ग पर लपको का आतंक लगातार पर्यटन व्यवसाय की मुसीबत बना हुआ है। इस संबंध में कार्रवाई करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक ने एक दर्जन पुलिसकर्मियों को पर्यटक सुरक्षा दल में लगाया है। इनमें ६-६ पुलिसकर्मी जैसलमेर तथा सम मार्ग पर ड्यूटी करेंगे। उन्हें निर्देशित किया गया है कि वे लपका तत्वों और सैलानियों को परेशान करने वालों पर नियंत्रण कर उनके खिलाफ प्रभावी कानूनी कार्रवाई करेंगे। सम क्षेत्र में टीपी में कार्यरत पुलिसकर्मी इसके अलावा थानाधिकारी सम के निर्देशन में अन्य कानून व्यवस्था संबंधी कार्य भी करेंगे। यहां यह गौरतलब है कि जैसलमेर के सोनार दुर्ग सहित अन्य दर्शनीय स्थलों पर पूर्व में की गई पुलिस व्यवस्था वर्तमान में नजर नहीं आ रही। दुर्ग, पटवा हवेली, गड़ीसर आदि पर पुलिसकर्मी की दिनभर मौजूदगी रहने से सैलानियों को परेशान करने वाले तत्वों पर निगरानी करने में सहूलियत रहती थी।
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