सैलानियों की आफत, दर्शनार्थी परेशान
पर्यटन सीजन के आगाज के साथ ही सोनार दुर्ग में दिन भर सैलानियों की आवाजाही बनी रहती है। सुबह से दोपहर तक पर्यटकों आवाजाही बनी रहती है। चालू शिक्षण सत्र में भी विद्यार्थियों की दुर्ग से स्कूल पैदल आवाजाही करते हैै। सुबह छात्र-छात्राएं समूह में घाटियों से एक साथ स्कूल जाते हैं, वहीं दुर्ग स्थित लक्ष्मीनाथ मंदिर में आरती में शिरकत करने व बाबा रामदेव मंदिर में दर्शन के लिए सैकड़ों श्रद्धालुओं की आवाजाही दिन भर बनी रहती है।
पर्यटन सीजन के आगाज के साथ ही सोनार दुर्ग में दिन भर सैलानियों की आवाजाही बनी रहती है। सुबह से दोपहर तक पर्यटकों आवाजाही बनी रहती है। चालू शिक्षण सत्र में भी विद्यार्थियों की दुर्ग से स्कूल पैदल आवाजाही करते हैै। सुबह छात्र-छात्राएं समूह में घाटियों से एक साथ स्कूल जाते हैं, वहीं दुर्ग स्थित लक्ष्मीनाथ मंदिर में आरती में शिरकत करने व बाबा रामदेव मंदिर में दर्शन के लिए सैकड़ों श्रद्धालुओं की आवाजाही दिन भर बनी रहती है।
हकीकत यह भी
– रोक के बावजूद सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक तिपहिया व चार पहिया वाहनों की आवाजाही बनी रहती है।
-होटल में ग्राहकों को लाने के प्रयास में तिपहिया वाहन दशहरा चौक के आगे गलियों तक टैक्सियां ले आते हैं।
-घाटियों से नीचे उतरते समय वे वाहन को पैट्रोल बचाने के चक्कर में बंद कर ले जाते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बन जाती है।
– रोक के बावजूद सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक तिपहिया व चार पहिया वाहनों की आवाजाही बनी रहती है।
-होटल में ग्राहकों को लाने के प्रयास में तिपहिया वाहन दशहरा चौक के आगे गलियों तक टैक्सियां ले आते हैं।
-घाटियों से नीचे उतरते समय वे वाहन को पैट्रोल बचाने के चक्कर में बंद कर ले जाते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बन जाती है।