जैसलमेरPublished: Jul 25, 2023 08:19:30 pm
Deepak Vyas
- लगातार 10 दिनों तक विशेष अभियान चलाकर की जाएगी जांच, पत्रिका ने किया था ध्यान आकर्षित
पोकरण. गत 12 जुलाई को सांकड़ा थानाक्षेत्र के भैंसड़ा गांव के पास बाल वाहिनी के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बाद पत्रिका की ओर से लगातार समाचार प्रकाशित कर बाल वाहिनियों में हो रही नियमों की अवहेलना से अवगत करवाया गया। जिसके बाद अब परिवहन विभाग की ओर से लगातार 10 दिनों तक अभियान चलाकर बाल वाहिनियों की जांच की जाएगी और नियमों की पालना नहीं होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि गत 12 जुलाई को सांकड़ा के भैंसड़ा गांव के पास एक निजी विद्यालय की सिटी बस पलट गई थी। इस सिटी बस की क्षमता 22 सवारियों की थी। जबकि हादसे के समय बस में 70 से अधिक बच्चे एवं शिक्षक सवार थे। हादसे में 1 शिक्षक की मौत हो गई थी और सभी बच्चे घायल हुए थे। इसी प्रकार गत वर्ष 16 फरवरी 2022 को फलसूंड के कजोई गांव के पास एक स्कूल बस पलट जाने से 2 मासूम बच्चों की मौत हो गई थी और 30 से अधिक बच्चे घायल हुए थे। इन हादसों के बाद जांच में जानकारी मिली कि बसों का न तो फिटनेस था, न ही यातायात नियमों एवं बाल वाहिनियों के नियमों की पालना हो रही थी।
पत्रिका ने समाचार किए प्रकाशित
गत 12 जुलाई को हुए हादसे के बाद पत्रिका में 'नई बात 9 दिन... खींची तानी 13 दिनÓ एवं 'सिर्फ 16 का पंजीयन, सड़कों पर बाल वाहिनियों के नाम पर दौड़ रहे 100 से अधिक वाहनÓ शीर्षकों से समाचार प्रकाशित कर परिवहन विभाग का ध्यान आकर्षित किया गया। इसके अलावा 'लापरवाही व लालच की पराकाष्ठा, संकट में नौनिहालÓ शीर्षक से टिप्पणी भी लिखी गई। पत्रिका में समाचारों के प्रकाशन के बाद अब परिवहन विभाग सचेत हुआ है और अभियान चलाकर बाल वाहिनियों की जांच के आदेश दिए है। इस आदेश में पत्रिका में प्रकाशित खबरों के बिंदुओं को शामिल किया गया है।
10 दिनों तक चलेगा अभियान
राजस्थान सरकार के परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के आयुक्त कन्हैयालाल स्वामी ने प्रदेश के विद्यालयों में बिना फिटनेस व अवैध रूप से संचालित बाल वाहिनी वाहनों के विरुद्ध 26 जुलाई से 4 अगस्त तक विशेष जांच अभियान चलाने के आदेश दिए है। आदेश में बताया गया है कि जैसलमेर जिले में स्कूल बस हादसे में कई बच्चे घायल हुए थे। इस हादसे का मूल कारण स्कूूल बस में क्षमता से अधिक बच्चों को बिठाना एवं वाहन की निम्न श्रेणी की स्थिति का होना पाया गया है। साथ ही बाल वाहिनियों के रूप में अवैध रूप से ऑटो, टैक्सी, मैजिक, बस व मिनीबस आदि का संचालन किया जा रहा है। बाल वाहिनियों के रूप में संचालित वाहनों का अन्य कार्यों में भी उपयोग हो रहा है। उन्होंने लगातार 10 दिनों तक अभियान चलाकर जांच करने एवं नियमों की पालना नहीं होने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।