मूंगफली से भरे ट्रक पहुंच रहे मोहनगढ़,लेकिन किसानों को हो रही यह परेशानी
जैसलमेरPublished: Dec 17, 2018 07:26:37 pm
कस्बे मेें राज्य सरकार की ओर से सरकारी दरों पर मूंगफली व मूंग की खरीद गई थी। मूंगफली व मूंग की सरकारी खरीद कई खरीद केंद्रों पर की गई, तो कई केंद्रों पर अभी तक खरीद भी शुरू नहीं पाई। जिन केंद्रों पर सरकारी दर पर मूंगफली व मूंग की खरीद की गई थी।
मूंगफली से भरे ट्रक पहुंच रहे मोहनगढ़,लेकिन किसानों को हो रही यह परेशानी
मोहनगढ़. कस्बे मेें राज्य सरकार की ओर से सरकारी दरों पर मूंगफली व मूंग की खरीद गई थी। मूंगफली व मूंग की सरकारी खरीद कई खरीद केंद्रों पर की गई, तो कई केंद्रों पर अभी तक खरीद भी शुरू नहीं पाई। जिन केंद्रों पर सरकारी दर पर मूंगफली व मूंग की खरीद की गई थी। अब वहां से अब मूंगफली की बोरियों को विभिन्न वाहनों में भर मोहनगढ़ स्थित सरकारी वेयरहाउस में रखने के लिए लाया जा रहा है। कस्बे में जवाहर नवोदय विद्यालय के पास स्थित सरकारी वेयरहाउस में मूंगफली की बोरियां रखने के लिए मूंगफली की बोरियों भरकर ट्रक पहुंच रहे है।
हकीकत यह भी
ऐसे में कस्बे में हर दिन सीएडी कॉलोनी चौराहे के पास सडक़ पर ट्रकों की कतारें देखने को मिल रही है, वहीं मूंगफली में वजन कम होने के कारण ट्रक चालकों की ओर से क्षमता से अधिक ऊंचाई तक ट्रक में बोरियां भरकर लाई जा रही है। इस वजह से कभी भी बड़ा हादसा भी हो सकता है। वेयरहाउस में कर्मचारियों की कमी के चलते वाहनों का समय पर वजन भी नहीं करवाया जा रहा है। वाहन चालकों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
सुबह का नजारा
सुबह 11 बजे के बाद कर्मचारी के पहुंचते है, तब इन ट्रकों का आरसीपी कॉलोनी रोड़ पर स्थित निजी धर्मकांटे पर वजन करवाया जाता है। दूसरी ओर रात्रि में आने वाले ट्रकों का नंबर लगाने वाला भी कोई नहीं है। मूंगफली की बोरियां ट्रकों में भर कर मोहनगढ़ पहुंचे चालकों का कहना है कि हम नाचना, चांधन, फतेहगढ़ सहित अन्य स्थानों से ट्रकों में बोरियां भर कर ले आए है। यहां सीएडी कॉलोनी चैराहे पर गाडिय़ों के नंबर लगाने वाला कोई नहीं है। यहां पर एक केबिन में डायरी रखी हुई है। जिसमें वाहन चालक अपना नंबर लगा रहे है। उसी आधार पर धर्म कांटे पर वाहनों की तुलाई हो पाती है। उसके बाद वेयरहाउस में खाली करने में भी काफी समय लगता है। बोरियों व गाडियो के नंबर लगने में भी घण्टों गुजर जाते है। यहां वेयरहाउस में बोरियां खाली करने के बाद पुन: बोरियां भर कर लानी पड़ती है।