देश में तीस साल तक छुपाया गया कश्मीरी पंडितों का सच : बक्शी
- जैसलमेर भ्रमण पर पहुंचे रिटायर्ड मेजर जनरल
जैसलमेर
Published: March 21, 2022 07:59:06 pm
जैसलमेर। अपने जोशपूर्ण अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले मेजर जनरल (रि.) जीडी बक्शी ने कहा कि कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों के साथ जो बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया गया, उसके वह स्वयं साक्षी हैं। वे उस समय कश्मीर में ही सेवारत थे। जैसलमेर भ्रमण पर आए जीडी बक्शी ने कहा कि कश्मीर घाटी में उस समय आक्रांताओं व आततायियों ने लाखों कश्मीरी पंडितों को बेघर किया। इस देश में तीस साल तक सच को दबाया गया और छुपाया गया है। अब एक फिल्म के माध्यम से यह सच बाहर आया है। मेजर जनरल बक्शी ने कहा यूगोस्लाविया में नरसंहार किए जाने पर संबंधित पक्षों के खिलाफ समुचित एक्शन लिया गया लेकिन कश्मीरी पंडितों का जनसंहार करने और उन्हें रातोंरात बेघर करने तथा सामूहिक पलायन के लिए मजबूर करने के मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ।
पाकिस्तान के हो चार टुकड़े
बक्शी ने भारत की एक मिसाइल के दुर्घटनावश पाकिस्तान सीमा में जाकर गिरने के मामले में कहा कि इस घटना से पाकिस्तान के वायु रक्षा प्रणाली की पोल खुल गई है। एक अनगाइडेड मिसाइल उसके भीतर तक घुस गई और वे इसे भांप नहीं पाए। पाकिस्तान के संबंध में जीडी बक्शी ने कहा कि उसके चार टुकड़े होने चाहिए तभी उनके कलेजे को ठंडक मिलेगी और इस क्षेत्र में शांति आएगी। जैसलमेर के संबंध में पूर्व सैन्य अधिकारी ने कहा कि यह वीरों की भूमि है। राजपूत योद्धाओं के रक्त से यह जमीन सिक्त है। एक सैनिक के लिए यहां आना तीर्थयात्रा के समान है। बक्शी ने यह भी कहा कि हजारों साल पहले जैसलमेर क्षेत्र में सरस्वती नदी बहती थी। नाचना के पास वह भूमिगत हो गई। इसे फिर से जीवित करने का प्रोजेक्ट चल रहा है। इससे पहले जीडी बक्शी भ्रमण के लिए सोनार दुर्ग पहुंचे। जहां भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष उम्मेदसिंह बडोड़ागांव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। दुर्ग क्षेत्र में भी अनेक लोगों ने उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया।

देश में तीस साल तक छुपाया गया कश्मीरी पंडितों का सच : बक्शी
पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
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