गौरतलब है कि रविवार को पारासर निवासी एक युवक की स्वाइन फ्लू से मौत हुई थी। सोमवार को रुस्तम की स्वाइन फ्लू से मौत की सूचना के बाद लगातार दो मौत हो जाने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। ग्रामीणों में बीमारी को लेकर भय का माहौल है। हालांकि चिकित्सा विभाग की ओर से टीमों का गठन कर सर्वे का कार्य शुरू कर दिया गया है, लेकिन क्षेत्र में बदलते मौसम के कारण बुखार, जुकाम, सर्दी के मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। ऐसे में स्वाइन फ्लू के फैलने की आशंका बढ़ गई है।
टीम ने किया सर्वे, दी दवाइयां
क्षेत्र के पारासर गांव में रविवार को युवक की मौत के बाद चिकित्सा विभाग की ओर से दो टीमों का गठन किया गया है। चिकित्सा अधिकारी डॉ. नीरज कुमार वर्मा ने बताया कि मेलनर्स अशोककुमार, एएनएम बेबीकंवर, हेल्पर मदन शर्मा, गजेन्द्र की टीम की ओर से सोमवार को पारासर गांव में सर्वे किया गया। इस दौरान 60 लोगों को टेमी फ्लू की दवा दी गई तथा स्लाइड ली गई। इसी प्रकार फलसूण्ड गांव में भी सर्वे किया गया। यहां 25 जनों को टेमीफ्लू दी गई।
जैसलमेर में तैयार है वार्ड
जैसलमेर मुख्यालय स्थित जिले के एकमात्र राजकीय अस्पताल जवाहर चिकित्सालय में ऐहतियात के तौर पर स्वाइन फ्लू वार्ड तैयार कर लिया गया है। यहां वेंटीलेटर तथा ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। चिकित्सालय की पीएमओ डॉ. उषा दुग्गड़ के अनुसार अस्पताल में संदिग्ध स्वाइन फ्लू के रोगियों से सेम्पल एकत्रित किए जाने की सुविधा है और उनकी जांच नि:शुल्क करवाई जाती है। इन सेम्पल की जांच जोधपुर तथा आवष्यकता होने पर जयपुर में करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में 24 घंटे स्वाइन फ्लू के उपचार में काम आने वाली टेमीफ्लू टेबलेट उपलब्ध है। डॉ. दुग्गड़ के मुताबिक इन टेबलेट की पर्याप्त मात्रा अस्पताल में हैं।
सर्दी के साथ बढ़ता है कहर
गौरतलब है कि स्वाइन फ्लू का असर सर्दी बढऩे के साथ-साथ बढ़ता जाता है। इसके लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम वाले ही होते हैं। ऐसे में कई बार लोग समय रहते सचेत नहीं हो पाते। चिकित्सकों के अनुसार लोगों को सर्दी-जुकाम की शिकायत होने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए और जरूरी जांच करवाने में कोताही नहीं बरतनी चाहिए। स्वाइन फ्लू का वायरस छोटे बच्चों, बुजुर्गों तथा गर्भवती महिलाओं के साथ डायबिटिज के रोगियों को जल्द अपनी चपेट में लेता है। लोगों को भीड़भाड़ वाले स्थानों से दूर रहने तथा साफ-सफाई बरतने की सलाह भी दी जाती है।
फलसूंड क्षेत्र में स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मामलों के सामने आने पर इलाके में निरोधक गतिविधियां तेजी से क्रियान्वित की गई है। हालांकि हमें मृत व्यक्तियों के स्वाइन फ्लू से ग्रस्त होने संबंधी रिपोर्ट नहीं मिली है। जिले में टेमीफ्लू टेबलेट की पर्याप्त उपलब्धता है।
-डॉ. बीएल बुनकर, सीएमएचओ, जैसलमेर