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पाकिस्तान से पोकरण आई दो बहिनें लगा रही न्याय की गुहार

locationजैसलमेरPublished: Jan 08, 2020 04:09:36 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

– पहले देचू, तो अब डर के मारे पोकरण पहुंची बहिनें- 5 साल पहले आई थी हिन्दुस्तान

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जैसलमेर /पोकरण. देशभर में सीएए कानून को लेकर आग लगी हुई है तथा जगह-जगह आंदोलन हो रहे है। इस बीच 5 साल पहले हिन्दुस्तान आई दो बहिनें न्याय की गुहार लगाते हुए अपने ही परिजनों से छिपते हुए पोकरण पहुंची। यहां उन्होंने गृहमंत्री के नाम एक ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी को सुपुर्द कर सहायता दिलाने की मांग की है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में बड़ी संख्या में हिन्दू परिवार निवास करते है। कई बार अत्याचार होने पर ये परिवार हिन्दूस्तान की तरफ आ जाते है और वापिस नहीं जाते। कुछ मामलों में ऐसे लोगों को पूर्व में आए उनके ही परिवारजनों की ओर से परेशान किया जाता है। ऐसे में ये शरणार्थी दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हो जाते है।
पहले देचू में डाला डेरा, अब पहुंचे पोकरण
वर्ष 2015 में पाकिस्तान से भारत में आई लक्ष्मी पुत्री बुधाराम भील ने बताया कि वे जोधपुर जिलांतर्गत देचू थानाक्षेत्र के लोडता गांव के पास निवास करते है। उसने बताया कि वे दो परिवार यहां आए थे। पूर्व में आए रिश्तेदारों की बस्ती के पास ही वे निवास करने लगे। रिश्तेदारों ने उनके साथ अभद्र व्यवहार करना शुरू किया और उन दोनों बहिनों को बेचने का प्रयास किया। जब उन्होंने इनकार किया, तो उन्हें धमकियां भी दी गई। उनका अपहरण का भी प्रयास हुआ और मारपीट की गई। वे किसी तरह वहां से तो भाग गई, लेकिन कोई सहायता नहीं मिलने से दर-दर की ठोकरे खा रही है। देचू के बाद वे जोधपुर पहुंची और पुलिस को गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। रिश्तेदार उनका पीछा करने लगे, तो वे किसी तरह भागकर मंगलवार को पोकरण आ गई। उन्होंने पत्रिका को बातचीत में बताया कि वे अपने रिश्तेदारों से बचते हुए भाग रही है। पोकरण क्षेत्र में उनका कोई ठिकाना नहीं है। फिलहाल वे पोकरण व रामदेवरा में सडक़ों पर ठहरेगी अथवा कोई रैन बसेरे में शरण लेगी।
गृहमंत्री को भेजा ज्ञापन, लगाई सहायता की गुहार
लक्ष्मी, उसकी ***** मलूकी व दो बच्चे जहन व दयाल मंगलवार को पोकरण उपखण्ड अधिकारी कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने उपखण्ड अधिकारी की अनुपस्थिति में वरिष्ठ लिपिक को एक ज्ञापन सुपुर्द किया। उन्होंने बताया कि सहायता के लिए वे मंडोर पुलिस थाना व कमिश्नरेट भी पहुंची, लेकिन कोई आश्वासन नहीं मिला। उन्होंने पुलिस पर भी धमकियां देने का आरोप लगाया। उन्होंने अपने करीब एक दर्जन रिश्तेदारों के नाम लिखकर उन पर परेशान व प्रताडि़त करने आरोप लगाते हुए उन लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने, उन्हें सहायता, सुरक्षा व न्याय दिलाने की मांग की है।
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