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पारदर्शिता के लिए आरटीआइ का उपयोग एक शुरूआत : चौधरी

locationजैसलमेरPublished: Oct 12, 2022 07:56:08 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के 17 वें स्थापना दिवस पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम

पारदर्शिता के लिए आरटीआइ का उपयोग एक शुरूआत : चौधरी
पारदर्शिता के लिए आरटीआइ का उपयोग एक शुरूआत : चौधरी

जैसलमेर. सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 लागू होने की 17 वीं वर्ष गांठ पर भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी पंकज चौधरी के मुख्य अतिथ्य में डेजर्ट क्लब जैसलमेर में सम्मेलन का आयोजन किया गया। समेलन में आरटीआइ कार्यकर्ताओं की ओर से गर्मजोशी से आइपीएस पंकज चौधरी का स्वागत किया।
इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले राज्यभर के आरटीआइ कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। इस मौके पर जवाहर चिकित्सालय में कार्यरत डॉ. सत्ताराम पंवार की ओर से जटिल ऑपरेशन करके मानव जीवन को बचाने एवं चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस मौके पर अशोक भाटी को आरटीआइ के प्रति जागरुक करने व लुणसिंह महाबार को पोलजी की डेयरी में सडक़ बस करंट हादसे में घायल यात्रियों की मदद करने पर सम्मानित किया गया। हैदर शाह को रक्त दान करने के प्रति जागरूकता प्रदान करने, अधिवक्ता कंवराजसिंह राठौड़ को गरीब व कमजोर लोगों की पैरवी करने, पुलिस कांस्टेबल सुनीता चौधरी को कोरोना के समय में आम जन को महामारी के प्रति जागरूक करने, तैराक वाजिद अली का जिले में होने वाली डूबने की घटनाओं में मदद करने, अशोक कुमार जैन को फलसूण्ड व भणियाणा क्षेत्र में पंचायती राज एवं राजस्व विभाग में हो रहे कथित भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई करने, तनेरावसिंह को उत्कृष्ट कार्यो व पर्यावरण प्रेमी सुमेरसिंह सांवता को सम्मानित किया गया।
80 के दशक में नाममात्र का था भ्रष्टाचार
आइपीएस चौधरी ने कहा कि वे यूथ जज्बे वाले कार्यकर्ताओ के साथ उपस्थित होकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने बताया की पारदर्शिता के लिए आरटीआइ का उपयोग एक शुरूआत है। लड़ाई अभी लम्बी लडऩी है। वर्ष 1980 के आस-पास नैतिकता का स्तर ऊंचा था तथा भ्रष्टाचार बहुत ही कम मात्र में था, लेकिन वर्तमान की स्थिति इससे विपरीत है। वर्तमान में पब्लिक पुलिस रिलेशन के तहत इस पद पर रहते हुए पब्लिक पुलिस के मध्य तारतम्य स्थापित करना एवं गैप को कम करना उनकी प्राथमिकता में रहेगा। उन्होंने यह भी बताया कि जैसलमेर से उनका भावनात्मक लगाव है तथा पश्चिमी राजस्थान में आने पर उन्हें अपनेपन का अनुभव होता है। बाड़मेर से आए सुमेर गौड़ ने राजस्थान सूचना आयोग की कार्यशैली पर निराशा जताई तथा इसमें सुधार की आवश्यकता जताई। श्रीराम नारायण चौधरी ने पंचायतीराज से संबंधित जानकारी दी। भगवानसिंह ने बताया कि सूचना के अधिकार के साथ साथ साक्ष्य अधिनियम, पंचायतीराज अधिनियम व उपभोक्ता अधिनियम का अध्ययन रिस दिशा में काम करने की आवश्यकता जताई।

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