वेंडिंग-नॉन वेंडिंग व्यवस्था बेअसर
जैसलमेरPublished: Dec 14, 2019 12:58:13 pm
-मुख्य स्थलों से आवागमन हुआ दुश्वार
वेंडिंग-नॉन वेंडिंग व्यवस्था बेअसर
जैसलमेर. शहर सभी मुख्य चौराहों और बाजारों में बेतरतीब ढंग से खड़े इन ठेलों की वजह से लोगों को आवाजाही में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। करीब एक साल के दौरान नगरपरिषद और यातायात पुलिस ने इस दिशा में लगभग आंखें ही मूंद रखी हैं। परिषद ने शहर में ठेलों को व्यवस्थित करने के लिए जो वेंडिंग और नॉन वेंडिंग जोन बनाए थे, उनकी पालना स्वयं उसके द्वारा नहीं करवाई गई और प्रशासन भी उदासीन ही बना हुआ है। किसी किस्म की रोक-टोक नहीं होने का यह परिणाम हुआ कि सैकड़ों की तादाद में ठेले शहर भर में जहां-तहां नजर आने लगे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी मुख्य स्थलों पर है। शहर में फल-सब्जियों तथा अन्य खाद्य सामग्री के अलावा अन्य छिटपुट सामान के ठेले और रेहडिय़ां वैसे तो विगत कई वर्षों से खड़े होते रहे हैं और इससे जरूरतमंदों को रोजगार भी मिला है। विगत एक-दो साल के दौरान इनकी संख्या एकदम से कई गुना बढ़ गई हैं।
यहां से सबसे ज्यादा असुविधा
पुराने ग्रामीण बस स्टेंड, हनुमान चौराहा, अमरसागर प्रोल के बाहर, गांधी चौक, गड़ीसर चौराहा, गोपा चौक जैसे सर्वाधिक यातायात दबाव वाले क्षेत्रों में परेशानी बढ़ रही है। ठेलों को कतारबद्ध और नियोजित ढंग से खड़ा करवाने की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण वे मुख्य मार्गों को संकरा बना रहे हैं। नगरपरिषद की ओर से शहर में सर्वे कर १४ नॉन वेंडिंग जोन और ७ वेंडिंग जोन बनाकर ठेले वालों को सुव्यवस्थित करने की कवायद कुछ महीने पहले की गई, लेकिन वह रस्मी ही साबित हुई।
यातायात के लिए मुसीबत
बेतरतीब हाथ ठेलों के खड़े रहने से सबसे ज्यादा परेशानी यातायात को सुचारू रखने में आ रही है। लोगों को दुपहिया वाहन तक चलाने में दिक्कतें पेश आती हैं तो देशी-विदेशी सैलानियों के सामने शहर की बुरी छवि बन रही है। इनके कारण स्वच्छंद घूमने वाले पशुओं की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। कभी खुले-खुले दिखने वाले गांधी चौक और हनुमान चौराहा के इलाके हाथ ठेलों व मनमाने ढंग से वाहनों को खड़ा कर दिए जाने से अब सिकुड़-से गए हैं।