इसी के अंतर्गत शनिवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे चिन्नू गांव के इंदिरा गांधी नहर के पास वनपट्टी में आग लग गई। सूखी झाडिय़ोंं, पेड़ पौधों के कारण आग तेजी से फैलती गई और विकराल रूप लेकर दावानल की तरह भड़क गई। दूर से ही आग की लपटें व धुंआ नजर आ रहा था। आग की सूचना पर आस पड़ौस ढाणियों से बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर एकत्रित हो गए। ग्रामीणों ने पानी डालकर आग पर काबू करने का प्रयास किया, लेकिन भीषण गर्मी तथा तेज व विकराल आग की लपटों के कारण पास जाना भी मुश्किल हो रहा था। तेज हवा के कारण आग लगातार आगे बढ़ती रही।
दो किमी में पेड़ पौधे राख
आग की सूचना पर नोख से गोदावरी ग्रीन एनर्जी सोलर प्लांट की एक दमकल मौके पर पहुंची, लेकिन वह नाकाफी साबित हुई। आग लगातार आगे बढऩे लगी। सूचना पर नोख थानाप्रभारी तेजसिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पोकरण उपखंड अधिकारी राजेशकुमार विश्रोई ने पोकरण नगरपालिका व भड़ला सोलर से दो दमकल मौके पर भिजवाई। तीन दमकलों के सहयोग से करीब चार घंटे की मशक्कत कर आग पर काबू किया गया। इस दौरान पुलिस वृताधिकारी कैलाश विश्रोई, थानाधिकारी मोहम्मद हनीफ, गांव के पठानखां, दाऊदखां, गाजीखां, अंकित, वन विभाग के कार्मिक सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर एकत्रित हुए तथा आग पर काबू करने का प्रयास किया।
फिर सताई दमकल की कमी, पत्रिका ने भी दी थी चेतावनी
नाचना व नोख नहरी क्षेत्र लंबे चौड़े भू-भाग में फैला हुआ है। यहां नहर के दोनों किनारों पर वन विभाग का क्षेत्र स्थित है तथा लाखों पेड़ पौधे लगे हुए है। प्रतिवर्ष भीषण गर्मी के मौसम के दौरान यहां आग की घटनाएं होती है। कई बार समय पर काबू नहीं किए जाने की स्थिति में दावानल भड़क जाता है, जो कई घंटों व दिनों तक काबू करना मुश्किल हो जाता है। इन सब के बावजूद नाचना क्षेत्र में एक भी दमकल नहीं है। आग लगने पर पोकरण, जैसलमेर, फलोदी तथा आसपास स्थित सोलर प्लांटों से दमकल बुलवाई जाती है। शनिवार को भी लगी आग के दौरान भी यहां दमकल की कमी खलती रही। इस संबंध में राजस्थान पत्रिका के 22 मार्च के अंक में 'दमकल से वंचित नाचना क्षेत्रÓ व 24 मार्च के अंक में 'आसमान से बरसती 'आगÓ लील रही वन संपदाÓ शीर्षक से प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किए गए थे। बावजूद इसके प्रशासन की न तो कुंभकर्णी नींद खुली, न ही नाचना क्षेत्र में दमकल उपलब्ध करवाई गई। जिसके कारण करीब चार घंटे बाद आग पर काबू किया जा सका।