गांव में अष्टमी के दिन श्रद्धालुओं की आवक कम हो जाने के कारण यहां बेरीकेट्स खाली नजर आ रहे थे। दूसरी तरफ जोधपुर व बीकानेर से आए पदयात्री संघों के हजारों यात्रियों के बुधवार को यहां पहुंचने से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। इससे पोकरण व फलोदी रोड सहित गांव के अलग-अलग मार्गों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। बुधवार को मेलाधिकारी रणधीरसिंह चौधरी, पुलिस उपाधीक्षक नानकसिंह, तहसीलदार नारायणगिरी, थानाधिकारी अमरसिंह ने मेला चौक, करणी द्वार, रामसरोवर, मंदिर परिसर, रेलवे स्टेशन सहित विभिन्न स्थानों का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। बुधवार को परचा बावड़ी, रामसरोवर, झूला पालना सहित दुकानों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली।
जोधपुर, नोखा, लूणकरणसर, बीकानेर, सरदारशहर, बाड़मेर सहित 10 से 20 हजार की तादाद में संघ के साथ आए श्रद्धालुओं ने गांव में स्थित विद्यालय के खेल मैदान, मेला चौक एवं आसपास खाली स्थानों पर शामियाने लग पड़ाव डाले हैं। छोटा सा गांव रामदेवरा बुधवार को महानगर का रूप धारण किए हुए था। गांव में सभी मुख्य मार्गों पर चहल-पहल के चलते पांव रखने को भी जगह नहीं मिली। इसके अलावा जयपुर से संत जगदीशपुरी महाराज ने बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन कर अपने साथ लाया गया सात फीट 70 किलो वजनी कपड़े का घोड़ा चढ़ाया। संत ने बताया कि उनके पुत्र के दिल में छेद हो गया था। बाबा रामदेव से प्रार्थना करने के बाद अब वह पूरी तरह से ठीक है। जिस पर वे अपने पुत्र के साथ यहां आए तथा बाबा की समाधि के दर्शन किए।
भादवा मेले के दौरान कोलकाता से आए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। कोलकाता से गत 30 वर्षों से आ रहे गोपूबाबू, रामबाबू, शीला, वीणा, निधि, अशोक आचार्य सहित अन्य श्रद्धालुओं ने बाबा की समाधि के दर्शन किए तथा यहां आए श्रद्धालुओं को मिर्चीबड़ा, कचोरी , नींबू पानी, मिल्क शेक का वितरण किया। इसी प्रकार बड़ा बाजार श्रीरानी सती जनजागरण सेवा मंडली कोलकाता से आए भवानीशंकर, अशोककुमार, ओमप्रकाश, सुशीला ने ड्रायफ्रूट का वितरण किया। श्रीरामदेव चैरीटेबल ट्रस्ट कोलकाता से आए अशोक पुरोहित व उनकी टीम गत तीन दिनों से गांव में पोकरण रोड पर श्रद्धालुओं को चाय, नाश्ता, भोजन आदि करवाकर सेवा कर रही है।