80 फीसदी कम आवक हालांकि मंडी में मूंगफली की आवक शुरू होने से अब भी मंडी में पहुंच रहा अनाज गत साल की तुलना में 80 फीसदी कम है, लेकिन लंबे इंतजार के बाद किसानों की ओर से मंडी की ओर रुख करने से व्यापारियों ने भी राहत ली है। जानकारों के अनुसार नोटबंदी के बाद से अनाज का व्यापार प्रभावित हुआ है।
मूंग की आवक ठप जानकारों के अनुसार मंडी में भाव पूरे नहीं मिलने से मूंग की आवक अब भी बंद है, जबकि हर साल मूंग की आवक प्राथमिकता से होती है, लेकिन इस बार मूंग के भाव कम होने से किसान समर्थन मूल्य पर मूंग बेचेंगे। किसानों के अनुसार मूंग के भाव मंडी में ४२०० से ४५०० रुपए प्रति क्विंटल ही मिल रहे है, जबकि ५२२५ रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर सरकार खरीद रही है। ऐसे में मूंग वे समर्थन मूल्य पर ही बेच रहे है।
कम आ रही उपज गत वर्ष प्रतिदिन पांच से छ: हजार बोरी प्रतिदिन मंडी में माल आता था, वहीं अब प्रतिदिन 1 हजार से 1200 बोरी माल ही प्रतिदिन आ रहा है। इससे अनाज का व्यापार पूरी तरह से ठप हो गया है। क्षेत्र का व्यापार बैंकों में नोटबंदी के बाद से ही ठप है। कई किसान अपनी उपज को गुजरात बैचने जाते थे, लेकिन नगदी की समस्या के बाद वे भी नोटबंदी की आपातकालीन स्थिति के खत्मक होने का इंतजार कर रहे है।
ये मिल रहे भाव शनिवार को मूंगफली ३५०० से ३९०० रुपए, ग्वार २१०० से ३१०० रुपए व मोठ का ३७०० से ३८०० रुपए प्रतिक्विंटल के हिसाब से सौदा हुआ। मूंग की आवक नहीं हुई।
आवक शुरू लंबे इतंजार के बाद मंडी में खरीफ की आवक शुरू हुई है। इन दिनों प्रतिदिन 1200 बोरी के करीब अनाज की आवक हो रही है। जिसमें से 1 हजार बोरी मूंगफली की, 100-100 बोरी ग्वार व मोठ की है।
-जस्साराम चौधरी अध्यक्ष मंडी व्यापार मंडल, मोहनगढ़