जैसलमेरPublished: Oct 08, 2023 08:35:18 pm
Deepak Vyas
- पुलिस ने 17 जनों को दस्तयाब किया, बाद में शाम को रिहा किया
- सदर थाना पर किया गया विरोध
जैसलमेर. जिले के सोनू लाइम स्टोन क्षेत्र में आरएसएमएम के ठेकेदार के खिलाफ गत करी दो महीनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे ट्रक यूनियन के 17 सदस्यों को पुलिस ने रविवार सुबह धरनास्थल से उठा लिया और जैसलमेर स्थित सदर थाना में बंद किया गया। पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ स्थानीय ट्रक यूनियन के सदस्यों और अन्य लोगों में विरोध की लहर दौड़ गई व बड़ी संख्या में उन्होंने सदर थाना पहुंच कर विरोध का इजहार किया। पूर्व विधायक सांगसिंह भाटी सहित भाजपा के अन्य कई नेता व पदाधिकारी भी ट्रक यूनियन के समर्थन में और पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में सदर थाना पहुंचे। इस मौके पर आरएसएमएम के ठेकेदार व प्रशासन एवं पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी सदर थाना पहुंचे।
ठेकेदार का पक्ष ले रहा प्रशासन
धरना दे रहे लोगों के बीच उनके प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन व पुलिस पर आरोप लगाया कि वे धनाढ्य ठेकेदार का पक्ष ले रहे हैं और गरीब ट्रक वालों की वाजिब मांगों की सुनवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष सोनू लाइम स्टोन की ढुलाई की दरों में 5 से 7 रुपए की बढ़ोतरी की जाती है लेकिन इस बार ठेकेदार वर्तमान में चालू दर से भी कम दर पर ढुलाई करवाने पर अड़ा हुआ है। ऐसे में लाखों रुपए का कर्ज लेकर ट्रक चला रहे चालकों के सामने अपने परिवार का भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है। उनका कहना था कि बीते करीब 60 दिनों से ट्रक वाले हड़ताल पर हैं और धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में उनके परिवार कैसे पलेंगे और ट्रकों की किश्तें कैसे अदा होंगी, यह शोचनीय विषय है।
न्यायालय के आदेश की पालना
इधर जिला पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि उच्च न्यायालय ने ठेकेदार की याचिका पर प्रशासन व पुलिस को आदेशित किया है कि सोनू में ट्रक यूनियन शांतिपूर्वक ढंग से भले ही विरोध करें लेकिन माल ढुलाई में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए। न्यायालय के आदेश की पालना करते हुए रविवार को ट्रक यूनियन के सदस्यों को दस्तयाब किया गया और लाइम स्टोन की सुचारू ढुलाई सुनिश्चित की गई। उन्होंने बताया कि धरना स्थल से 17 जनों को दस्तयाब किया गया और उन्हें शांतिभंग की धारा 151 के तहत कार्रवाई करते हुए पाबंद किया गया है। जरूरी औपचारिकता पूरी करवाने के बाद उन्हें छोड़ा गया है।