हालांकि इस संबंध में कोई अधिकारी प्रतिक्रिया नहीं दे रहा, लेकिन सूत्र बताते हैं कि इस संबंध में आर्मी ने जांच के आदेश दे दिए हैं। गौरतलब है कि हॉविट्जर्स तोपों का वर्ष 2009-10 में परीक्षण किया जा चुका है। वर्ष 2016 में भारत ने अमेरिका से 145 तोपों की खरीद की है, जिनमें से दो तोपें 18 मई को भारत पहुंची थी। पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज में तोपों को लाने के बाद इनका परीक्षण 8 जून को शुरू किया गया। इन तोपों का फायरिंग टेस्ट पास हो चुका है। परीक्षण के दौरान इनकी फायरिंग टेबल बनाई जा रही है। यह परीक्षण आगामी सितम्बर माह तक जारी रहेगा। वर्ष 2018 में तीन और तोपें भारत को प्राप्त होगी तथा शेष तोपें 2019-20 में प्राप्त होने पर इन्हें भारतीय सेना को सुपुर्द किया जाएगा।
यूं करती है कार्य
-प्रत्यक्ष तौर पर ये तोपें चार किमी तक वार करती है।
-अप्रत्यक्ष तौर पर ये तोपें 30 से 40 किमी तक दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद करने की ताकत रखती है।
-ये तोपें एक मिनट में चार राउण्ड निकालती है।
यूं करती है कार्य
-प्रत्यक्ष तौर पर ये तोपें चार किमी तक वार करती है।
-अप्रत्यक्ष तौर पर ये तोपें 30 से 40 किमी तक दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद करने की ताकत रखती है।
-ये तोपें एक मिनट में चार राउण्ड निकालती है।