-जैसलमेर के 60 फीसदी हिस्से में पेयजल संकट-नगरपरिषद से निराश लोग कलक्टर के दर पर पहुंचे
जैसलमेर. स्वर्णनगरी में एक बार फिर पेयजल का संकट उत्पन्न हो गया है। शहर के साठ फीसदी हिस्से में पिछले एक सप्ताह से भी अधिक समय से पेयजल की सप्लाई नहीं के बराबर होने से लोगों को सैकड़ों रुपए खर्च कर पानी के टैंकर मंगवाने पडऱहे हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित पुराने शहर के वे गली-मोहल्ले हो रहे हैं, जहां पानी के टैंकर तो दूर टैक्सियां तक बमुश्किल ही पहुंच पाती हैं। उनके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने के कारण वे त्राहि-त्राहि करने की स्थिति में पहुंच गए हैं।इधर पेयजल संकट को लेकर नगरपरिषद आयुक्त से मिलने पहुंचे वार्ड नं. 7 के बाशिंदों को न तो कार्यालय में आयुक्त मिले और न ही संतोषप्रद जवाब, हार कर उन्हें जिला कलक्टर के सामने पेश होना पड़ा। कलक्टर कैलाशचंद मीना ने उन्हें भरोसा दिलाया कि जल्द ही पेयजल समस्या का समाधान करवा दिया जाएगा।
परिषद की मोनेटरिंग फेलजानकारी के अनुसार पेयजल संकट की मौजूदा परिस्थितियां गजरूपसागर और सूली डूंगर सब स्टेशन पर पम्प मशीनरी के खराब होने के कारण उत्पन्न हुई। समय रहते नगरपरिषद के जलापूर्ति से जुड़े अधिकारी समस्या का समाधान नहीं कर पाए। बताया जाता है कि तकनीकी अधिकारियों ने मशीनरी के खराब होने के मूल कारण की तरफ पहले ध्यान ही नहीं दिया और स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया।इसके चलते शहर में हालात बद से बदतर होते चले गए।
टैंकरों से जलापूर्ति की सीमाजैसलमेर शहर में नगरपरिषद ने समस्याग्रस्त क्षेत्रों में टैंकरों के जरिए जलापूर्ति की व्यवस्था अवश्य कर रखी है, लेकिन इसकी अपनी सीमा है। अंदरूनी वार्डों में पानी के टैंकर पहुंचते ही नहीं हैं। इसके अलावा टैंकर या टैक्सी से जल परिवहन में जमकर राजनीति भी किए जाने की षिकायतें मिली है। सत्ताधारी भाजपा के अपने पार्षद भी जल वितरण की इस व्यवस्था से नाखुश बताए जा रहे हैं। साथ ही तकनीकी स्टाफ की तरफ से जवाबदेहिता नहीं लिए जाने से स्थितियां हाथ से निकल गई हैं।
यहां पर विकट समस्यावैसे तो लगभग पूरे शहर में इन दिनों पानी का संकट विद्यमान है, लेकिन कुछ इलाकों में तो पिछले सात-आठ दिन से नलों से पानी की एक बूंद नहीं टपकी। इन क्षेत्रों में कलाकार कॉलोनी, अम्बेडकर कॉलोनी, चैनपुरा-मैनपुरा, केला पाड़ा, कुम्हार पाड़ा, डांगरा पाड़ा, मलका प्रोल क्षेत्र, गफूर भ_ा, गीता आश्रम मार्ग, डेडानसर रोड, मेघवाल पाड़ा, छप्पर पाड़ा और उससे लगता आगे का इलाका आदि शामिल है।