JAISALMER के इस गांव में प्यासे पशुओं के लिए पानी का पिंजरा बन रहा मौत की वजह!
जैसलमेरPublished: Feb 21, 2018 12:12:19 pm
प्यासे पशु, पानी का पिंजरा, घुसते ही घेर लेती है मौत- तालाब का पानी सूखा, प्यास बुझाने पहुंच रहे पशु फंस जाते हैं दलदल में
अब तक करीब 10 गायों की मौत
जैसलमेर. जिले के सत्तो गांव में पानी की तलाश में भटक रहे पशुधन मौत का शिकार हो रहे हैं। यहां के जीएलआर में पानी की आपूर्ति नहीं हो रही। वहीं तालाब का पानी अब सूख जाने से गहरा दलदल हो गया है। प्यास से व्याकुल पशुधन हलक तर करने भटकते हुए इस दलदल में उतर जाता है, लेकिन फिर बाहर नहीं निकल पाते। आस-पास कोई नहीं होने की स्थिति में वे वहीं दम तोड़ देते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह से यहां अब तक करीब 10 गायों की मौत हो चुकी है।
क्षेत्र में गर्मी का असर बढऩे के साथ ही यहां की पेयजल व्यवस्था गड़बड़ा जाने से आमजन के लिए अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी की व्यवस्था मुश्किल हो गया है।
एक माह से जलापूर्ति ठप
कीचड़ में बनी जीएलआर में पिछले एक माह से जलापूर्ति ठप है। ग्रामीणों का कहना है कि इस जीएलआर में पेयजल आपूर्ति ठप होने से ग्रामीणों तथा पशुधन की प्यास नहीं बुझ रही है। हालात यह है कि जीएलआर और पशुखेळी सूखी है।
कुछ शव निकाले, कुछ अंदर ही सड़ रहे
तालाब मृत गायों के कुछ शव तो ग्रामीणों ने तुरंत बाहर निकाल लिए, लेकिन कुछ अब तक अंदर ही है। ऐसे में आस-पास का वातावरण दुर्गंधमय हो गया है। वहीं सड़े हुए शव बाहर निकालना भी मुश्किल हो रहा है।
बढ़ गया आर्थिक भार
ग्रामीणों ने बताया कि जीएलआर में पेयजल आपूर्ति नहीं होने से पेयजल व्यवस्था के लिए उनका आर्थिक भार बढ़ गया है। उन्हें महंगे दामों पर पानी खरीदाना पड़ रहा है। ग्रामीण एक हजार से 12 सौ रुपए खर्च कर म्याजलार स्थित ट्यूवेल से पानी के टैंकर मंगवाने को मजबूर हैं।